चेन्नई: डीएमके चीफ करुणानिधि का निधन हो गया है। शाम 6 बजकर 10 मिनट पर उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन पर तमिलनाडु सरकार ने बुधवार को अवकाश सहित 7 दिनों का शोक घोषित किया है। करुणानिधि का बुधवार शाम को मरीना बीच पर अंतिम संस्कार किया जाएगा। इस दौरान राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा। तमिलनाडु की राजनीति के करिश्माई व्यक्तित्व वाले नेता का राजनीतिक जीवन करीब सात दशक लंबा रहा। उनके परिवार में दो पत्नियां और छह बच्चे हैं।
करुणानिधि के निधन के बारे में सुनकर दुख हुआ
डॉक्टरों और नर्सों की हमारी टीम के सर्वश्रेष्ठ प्रयासों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका। विज्ञप्ति के अनुसार हम भारत के कद्दावर नेताओं में से एक के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हैं और परिवार के सदस्यों तथा दुनिया भर में बसे तमिलवासियों का दुख साझा करते हैं। तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री के निधन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सहित अन्य नेताओं ने शोक जताया है। कोविंद ने ट्वीट किया है कि श्री एम करुणानिधि के निधन के बारे में सुनकर दुख हुआ।
कलैनार के नाम से लोकप्रिय वह एक सुदृढ़ विरासत छोड़ कर जा रहे हैं जिसकी बराबरी सार्वजनिक जीवन में कम मिलती है। उनके परिवार के प्रति और लाखों चाहने वालों के प्रति मैं अपनी शोक संवेदना व्यक्त करता हूं।
उनकी तबीयत बहुत नाजुक थी। उनके सारे अंगों ने काम करना बंद कर दिया था। उनकी तबीयत ज्यादा खराब होने को लेकर अस्पताल द्वारा जारी बयान के बाद बड़ी संख्या में पार्टी समर्थक अस्पताल के बाहर एकत्र हो गए थे। बहुतों को रोते हुए भी देखा गया।
तमिलनाडु की राजनीति के सबसे करिश्माई नेताओं में गिने जाने वाले करुणानिधि पांच बार मुख्यमंत्री रहे। उनके परिवार में उनकी दो पत्नियां और छह बच्चे हैं। द्रमुक के कार्यकारी अध्यक्ष एमके स्टालिन उनके बेटे हैं। उनकी बेटी कनीमोरी राज्यसभा की सदस्य हैं। निधन का समाचार मिलने के बाद तमिलनाडु में द्रमुक समर्थक सड़कों पर उतर आए। तमिलनाडु सरकार ने बुधवार की छुट्टी और पूरे सूबे में सात दिनों तक शोक की घोषणा की है। करुणानिधि के शव को कावेरी अस्पताल से गोपालपुरम आवास ले जाया गया है। बुधवार सुबह राजाजी हॉल में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा।
पूरे तमिलनाडु से जुट रहे द्रमुक समर्थकों की संख्या को देखते हुए पुलिस हाई अलर्ट पर है। पिछले महीने ब्लड प्रेशर गिरने के बाद करुणानिधि को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इससे पहले उन्हें 18 जुलाई को भी अस्पताल ले जाया गया था, लेकिन बाद में उन्हें छुट्टी दे दी गई थी। वह 29 जुलाई से इंटेंसिव केयर यूनिट (आइसीयू) में भर्ती थे। अस्पताल पहुंचने की खबर आते ही उनका हालचाल जानने वालों का तांता लगना शुरू हो गया था। उनके निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक जताते हुए परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की। कावेरी अस्पताल के कार्यकारी निदेशक डॉक्टर अरविंदन सेल्वाराज की ओर से जारी बयान में कहा गया था कि 94 वर्षीय पूर्व मुख्यमंत्री का स्वास्थ्य लगातार गिर रहा है और वह मेडिकल सपोर्ट पर हैं। डीएमके कार्यकर्ताओं ने कावेरी अस्पताल के बाहर आक्रोशित होकर विरोध प्रदर्शन किया।
तमिलनाडु के लोग उन्हें बहुत याद करेंगे: मोदी
मोदी ने कहा कि हमने जमीन से जुड़े एक ऐसे जननेता, राजनीतिक विचारक, अनुभवी लेखक और राजनेता को खोया है जिनका जीवन गरीबों और वंचित तबकों के कल्याण को समर्पित था। उन्होंने लिखा है कि दुख की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार के सदस्यों और करूणानिधि जी के असंख्य समर्थकों के साथ हैं। भारत और खास तौर से तमिलनाडु के लोग उन्हें बहुत याद करेंगे। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे। मोदी कल करूणानिधि को श्रद्धांजलि देने चेन्नई पहुंचेंगे।
इससे पहले कावेरी अस्पताल में शाम को एक बुलेटिन जारी कर कहा था कि पिछले कुछ घंटों में कलैनार एम करूणानिधि की नाजुक हालत में काफी गिरावट आयी है। अधिकतम चिकित्सीय मदद के बावजूद उनके महत्वपूर्ण अंगों की स्थिति बिगड़ती जा रही है। वैसे तो सैकड़ों की संख्या में द्रमुक समर्थक और कलैनार के प्रशंसक अस्पताल परिसर में पहले से ही मौजूद थे, लेकिन आज शाम साढ़े चार बजे की बुलेटिन में हालत बिगड़ने की सूचना मिलने के बाद उनकी संख्या बहुत तेजी से बढ़ी।
छह बजकर दस मिनट पर अंतिम सांस ली
अपने नेता के बिगड़ते स्वास्थ्य की खबर सुनकर प्रशंसकों और कार्यकर्ताओं के चेहरे की रंगत उड़ गयी। कुछ बेहोश हो गये तो कुछ अपनी छाती पीटने लगे। लेकिन ईश्वर ने उनकी प्रार्थनाएं नहीं सुनी और शाम छह बजकर दस मिनट पर करूणानिधि ने अंतिम सांस ली। अस्पताल की ओर से निधन की घोषणा के बाद वहां शमशान सा सन्नाटा पसर गया। भीड़ में से कुछ लोगों ने अपने मोबाइल फोन का टॉर्च जलाकर कलैनार को श्रद्धांजलि दी। द्रमुक प्रमुख के निधन की सूचना फैलते ही दुकानें बंद हो गयीं और सड़के खाली हो गयीं।
किसी भी परेशानी से निपटने की पूरी तैयारी
अधिकारियों ने बताया कि ऐहतियात के तौर पर सबको सचेत कर दिया गया है और कानून-व्यवस्था संबंधी किसी भी परेशानी से निपटने के लिए पूरी तैयारी है। करूणानिधि का लंबी बीमारी के बाद आज शाम शहर के एक अस्पताल में निधन हो गया। कावेरी अस्पताल में भर्ती 94 वर्षीय नेता ने शाम छह बजकर दस मिनट पर अंतिम सांस ली।
अस्पताल के कार्यकारी निदेशक डॉक्टर अरविन्दन सेल्वाराज की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार हमें बड़े दुख के साथ बताना पड़ रहा है कि हमारे प्रिय कलैनार एम. करूणानिधि का सात अगस्त, 2018 को शाम छह बजकर दस मिनट पर निधन हो गया। डॉक्टरों और नर्सों की हमारी टीम के सर्वश्रेष्ठ प्रयासों के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका।
विज्ञप्ति के अनुसार कि हम भारत के कद्दावर नेताओं में से एक के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हैं और परिवार के सदस्यों तथा दुनिया भर में बसे तमिलवासियों का दुख साझा करते हैं। करूणानिधि का रक्तचाप कम होने के बाद 28 जुलाई को उन्हें गोपालपुरम स्थित आवास से कावेरी अस्पताल भेजा गया था। पहले वह वार्ड में भर्ती थे, बाद में हालत बिगड़ने पर उन्हें आईसीयू में भर्ती किया गया था।