पटना: बिहार के छपरा में ज़हरीली शराब से मरने वालों की संख्या बढ़कर 30 हो चुकी है। 14 दिसंबर को शुरुआत में मृतकों की संख्या 6 थी, फिर देर शाम तक मरने वालों की संख्या बढ़कर 24 हो गई थी। आज सुबह तक मरने वालों की संख्या 30 हो गई है। मामला छपरा सारण के इसुआपुर थाना क्षेत्र का है।
अभी भी कई लोग अस्पताल में भर्ती हैं। बताया जा रहा है कि कुछ लोग स्थानीय स्तर पर चोरी से इलाज करा रहे हैं। बता दें, बिहार में शराबबंदी हैं। यहां शराब की खरीद-बिक्री और सेवन गैरकानूनी है। जहरीली शराब पीकर मरने वालों में विजेन्द्र राय, हरेंद्र राम, रामजी साह, अमित रंजन, संजय सिंह, कुणाल सिंह, अजय गिरी, मुकेश शर्मा, भरत राम, जयदेव सिंह, मनोज राम, मंगल राय, नासिर हुसैन, रमेश राम, चन्द्रमा राम, विक्की महतो और गोविंद राय शामिल हैं।
मृतकों में शराब सप्लायर रामजी साह भी है। इसके अलावा नूर हसन अंसारी और दो अन्य पटना रेफर हुए थे, उनकी रास्ते में ही मौत हो गई। अमित नाम के युवक की मौत छपरा सदर अस्पताल में इलाज के दौरान हो गई। अमित रंजन की मौत की जानकारी मिलने के बाद जिला पुलिस बल छपरा सदर अस्पताल पहुंचा।
इसके बाद पुलिस ने उसके शव को अपने कब्जे में ले लिया।
बिहार विधानसभा में भी कल शराबबंदी को लेकर जमकर हंगामा हुआ। इस दौरान राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उत्तेजित हो गए और बीजेपी सदस्यों को याद दिलाने लगे कि आपने भी इसका समर्थन किया था और सफल बनाने के लिए शपथ ली थी। दरअसल, विपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा ने छपरा में जहरीली शराब से हुई मौतों के मद्देनजर राज्य सरकार के शराबबंदी पर सवाल उठाए और इसी दौरान नीतीश कुमार अपना आपा खो बैठे।
नीतीश कुमार ने बीजेपी विधायकों की ओर इशारा करते हुए कहा कि शराबबंदी के पक्ष में आप सब थे या नहीं?...अब क्या हो गया?...शराबी हो गए तुम लोग...अब ये बर्दाश्त नहीं किया जाएगा..बिहार में शराब भगवान की तरह हो गई है...जो दिखती नहीं, लेकिन हर जगह मौजूद है...भाजपा ने नीतीश कुमार के इस व्यवहार का विरोध किया। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार के चलते हर दिन शराब से मौत हो रही है।