जयपुर: विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने दो वर्ष से जयपुर में रह रही पाकिस्तानी किशोरी की मदद का आश्वासन दिया है, जिसका सपना डॉक्टर बनना है। पाकिस्तान के सिंध प्रांत के हैदराबाद से दो वर्ष पहले अपने माता-पिता के साथ जयपुर आयी 19 वर्षीय मशाल माहेश्वरी डॉक्टर बनना चाहती है लेकिन पाकिस्तानी नागरिक होने के कारण वह मेडिकल प्रवेश परीक्षा में शामिल नहीं हो सकी। उसके माता-पिता दोनों डॉक्टर हैं। मशाल ने सीबीएसई द्वारा आयोजित 12वीं की परीक्षा में 91 प्रतिशत अंक हासिल किये लेकिन उसे एआईपीएमटी देने की अनुमति नहीं मिली क्योंकि केवल अनिवासी भारतीयों और भारतीय नागरिकों को परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दी जाती है। मशाल की कहानी जानने के बाद सुषमा ने उसे आश्वस्त किया कि वह उसके सपने के साकार होने में उसकी मदद करेंगी। विदेश मंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘मशाल- निराश मत हो मेरी बच्ची। मेडिकल कॉलेज में तुम्हारे नामांकन के मामले को मैं व्यक्तिगत रूप से देखूंगी।’’
इससे उत्साहित मशाल ने कहा कि वह इस बात से बहुत खुश हैं कि विदेश मंत्री ने उसके मामले में दिलचस्पी ली है।