जयपुर: जाने-माने लेखक और कवि अशोक वाजपेयी ने शनिवार को साहित्य अकादमी पुस्कार वापस लेने से इनकार कर दिया जो उन्होंने लौटा दिया था और कहा कि देश में असहिष्णुता का स्तर उच्च बना हुआ है।’ जयपुर साहित्य उत्सव के इतर वाजपेयी ने कहा, 'असहिष्णुता का स्तर उच्च बना हुआ है और व्यापक है। देखें कि एक दलित छात्र के साथ क्या हुआ जिस वजह से उसे खुदकुशी करनी पड़ी। यह भी एक असहिष्णुता है।' उन्होंने हाल में हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय द्वारा दी गई डीलिट की उपाधि को प्राधिकारियों के ‘दलित विरोधी’ रवैये के विरोध में वापस की है। वाजपेयी ने कहा कि हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रोहित वेमुला की खुदकुशी पर अपना दुख जताया है लेकिन उन्होंने दलित मुद्दे को तवज्जो नहीं दी।
उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि एक मां ने अपना बेटा खोया है लेकिन उन्होंने इसके दलित हिस्से को तवज्जो नहीं दी जबकि यह समस्या के लिए उनके दृष्टिकोण का हिस्सा होना चाहिए था।' उन्होंने हैदराबाद के शोधार्थी की खुदकुशी पर ‘धीमी प्रतिक्रिया’ के लिए सरकार की आलोचना भी की। वाजपेयी ने कहा कि उनका मानना है कि युवा दलित शोधार्थी को खुदकुशी के लिए मजबूर किया गया था। अब वे कह रहे हैं कि उसकी मौत की जांच करने के लिए एक न्यायिक आयोग होगा जोकि अच्छा है, लेकिन यह सब देर से हो रहा है। इसके लिए आपने छह दिन इंतजार क्यों किया? उन्होंने कहा, 'यह मेरे लिए दुख की बात है कि लेखक पुरस्कार वापस ले रहे हैं। मुझे दुख होता है। लेकिन यह उनकी पसंद है, मैंने उनसे पुरस्कार लौटाने के लिए नहीं कहा था और मैं उनसे यह नहीं कह सकता हूं कि इसे वापस मत लो।'