पोखरण: राजस्थान के रेगिस्तान में शुक्रवार को भारतीय वायु सेना की शक्ति का शानदार प्रदर्शन देखने को मिला जहां 180 से अधिक विमानों और हवाई योद्धाओं ने श्रोताओं को दांतों तले उंगली दबाने पर मजबूर कर दिया। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई महानुभव इसके साक्षी बने। सुखोई, मिराज, मिग और जगुआर जैसे लड़ाकू विमानों की लोमहर्षक ध्वनि से आसमान गूंज उठा। यह स्थान पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के शासनकाल में 1998 में परमाणु परीक्षणों की श्रृंखला का गवाह बना था। वायु सेना के शक्ति प्रदर्शन के इतिहास में पहली बार आकाश मिसाइल का प्रक्षेपण भी किया गया। ‘एक्सरसाइज आयरन फीस्ट’ में 180 से अधिक लड़ाकू विमान, परिवहन विमान और हेलीकॉप्टर भाग ले रहे हैं जिसमें वायु सेना की अभियान संबंधी क्षमताओं को दर्शाने वाली छह अलग-अलग थीम शामिल हैं। स्वदेश निर्मित हल्का लड़ाकू विमान (एलसीए) तेजस इस अभ्यास में आकर्षण का केंद्र है जहां भारत आकाश, भूमि या समुद्र, कहीं से भी चुनौतियों से निपटने की आधुनिक क्षमताओं को दर्शाने के लिए अपना निशाना साधने की क्षमता का प्रदर्शन कर रहा है।
वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अरूप राहा और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने मेहमानों का स्वागत किया। इस दौरान राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह और मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी उपस्थित थीं। वायु सेना के बदलावों की दिखेगी झलक भारत-पाक सीमा के निकट हो रहे अभ्यास में सुखोई-30 एमकेआई समेत वायु सेना के सभी अग्रिम पंक्ति के लड़ाकू विमान शामिल हैं। इस अभ्यास में वायु सेना के साल दर साल बदलावों की यात्रा को प्रदर्शित किया जाएगा और गौरवपूर्ण इतिहास की झलक भी मिलेगी। वायु सेना ने आयरन फीस्ट-2013 में सुबह-शाम-रात की अभियान संबंधी अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन किया था। Zee Jankari : पोखरण ‘एक्सरसाइज आयरन फीस्ट’ में वायु सेना ने दिखाई ताकत और पढ़ें