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जयपुर: भारतीय वायुसेना के एक अधिकारी को जाल में फंसाए जाने के मामले की पृष्ठभूमि में रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने आज (शनिवार) कहा कि इस प्रकार के मामलों को रोकने के लिए सभी प्रकार की सावधानियां बरती जा रही हैं और ये मामले अभी निचले स्तर तक ही सीमित हैं। पर्रिकर ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि ऐसी चीजें (जासूसी) उच्च स्तर पर होती है। कुछ चीजें सामने आई हैं लेकिन वे निचले स्तर पर हैं और हमने उन्हें रोकने के लिए सभी सावधानियां बरती हैं।’ उन्होंने कहा, ‘जब हम सतर्क होते हैं तो लालच देकर जाल में फंसने जैसी चीजें आम तौर पर नहीं हो पाती। हमें हमेशा सतर्क रहना चाहिए। हम भर्ती और प्रशिक्षण के समय इसका ध्यान रखते हैं। जवानों के सोशल नेटवर्किंग साइटों का इस्तेमाल करने को लेकर स्पष्ट दिशा निर्देश एवं आचार संहिता है।’ हाल में भारतीय वायुसेना के 30 वर्षीय एक अधिकारी रंजीत के. के. को एक संदिग्ध जासूस को आधिकारिक सूचनाएं कथित रूप से देने के मामले में गिरफ्तार और सेवा से बर्खास्त किया गया है।

दिल्ली पुलिस अपराध शाखा के अनुसार अधिकारी ने फेसबुक पर खुद को पत्रकार बताने वाली संदिग्ध जासूस दामिनी मैक्नॉट के बिछाए मधुपाश में फंसकर यह जानकारी साझा की। पर्रिकर ने सेना की भर्ती रैली के उद्घाटन मौके पर अंबेर के निकट सीआईएसएफ मैदान में यह बात कही जहां वह रैली को हरी झंडी दिखाने से पहले उम्मीदवारों के साथ बातचीत कर रहे थे। बड़ी संख्या में उम्मीदवारों ने इस खुली रैली में भाग लिया जिसके लिए ऑनलाइन पंजीकरण किए गए थे। उन्होंने कहा, ‘हमने भर्ती रैली के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया शुरू की। इस बात की आशंका थी कि उम्मीदवारों की संख्या गिर सकती है लेकिन इसके बजाए यह संख्या बढ़ गई है।’ पर्रिकर ने कहा, ‘भारतीय युवा देशभक्त है और वह राष्ट्रवादी सोच रखता है और इसी लिए वह सेना में भर्ती होना चाहता है।’

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