जयपुर: पुलिस मुठभेड़ में मारे गये कुख्यात अपराधी आनंदपाल सिंह का पैतृक गांव सांवराद में कड़ी सुरक्षा के बीच अंतिम संस्कार किया गया। प्रशासन ने आनंदपाल के अंतिम संस्कार के लिए कर्फ्यू में एक घंटे की ढील दी गई थी। वहीं दूसरी ओर सरकार ने इस प्रकरण की जांच सीबीआई से करवाने की मांग सिरे से खारिज कर दी है। इससे पहले सरकार ने कहा, मानवाधिकार आयोग के आदेश के अनुसार आनंदपाल सिंह के शव का चौबीस घंटे के अंदर परिजनों ने अंतिम संस्कार नहीं किया तो सरकार अपने स्तर पर अंतिम संस्कार की प्रक्रिया शुरू करेगी। सांवराद में बुधवार को हुंकार रैली के दौरान हुई हिंसा में गोली चलने से एक व्यक्ति की मौत हो गई। इससे पहले पुलिस के साथ संघर्ष में 24 पुलिसकर्मियों सहित 32 लोग घायल हो गए हैं। घायलों में नागौर के पुलिस अधीक्षक पारिस देशमुख और उनका अंगरक्षक भी शामिल हैं। घायलों में से एक पुलिसकर्मी की हालत नाजुक बताई जा रही है। राजस्थान के गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया ने गुरुवार को जयपुर में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए मृतक आंनदपाल सिंह के परिजनों और राजपूत समाज के कई संगठनों की ओर से इस मामले की सीबीआई जांच की मांग को खारिज कर दिया।
उन्होंने कहा, मैं अपने पुलिस के खिलाफ ही जांच के आदेश कैसे दे सकता हूं और वह कोर्ट (अदालत) जाएं, यदि अदालत आदेश देगा तो उसका पालन की जाएगा। गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि पुलिस मुठभेड़ में मारे गये आनंदपाल सिंह के शव का अंतिम संस्कार करवाने के संबंध में मानवाधिकार आयोग की ओर से प्राप्त आदेश के तामिल हेतु पुलिस अधिकारियों को भेजा गया है। परिजनों को यह आदेश सौंपने के बाद यदि तय समय सीमा में अंतिम संस्कार नहीं किया गया तो, सरकार अपनी ओर से प्रक्रिया शुरू कर देगी। कटारिया ने कहा कि बुधवार की घटना में 24 पुलिसकर्मियों सहित 32 लोग घायल हुए हैं। घायल पुलिसकर्मियों में एक की हालत नाजुक है। अब तक 150-200 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, और गिरफ्तारियां संभव हैं। उन्होंने कहा, आयोजकों ने शांतिपूर्ण श्रद्धाजंलि कार्यक्रम करने की बात कही थी, लेकिन उन्होंने उसे हिंसक बना दिया। उनका ध्यान इस मामले में कांग्रेस के एक युवा नेता की ओर दिलाये जाने पर कहा कि वोटों की राजनीति ने सभी मयार्दाओं को तिलाजंलि दे दी है, अपराधी, बदमाश की कोई जाति नहीं होती। जिसने अपराध किया है उसे सजा मिलेगी, सरकार इसमें कोई रियायत नहीं करेगी। कटारिया ने कहा कि सांवराद में हुई हिंसा में मारे गये व्यक्ति की पहचान हरियाणा के लाल चंद के रूप में हुई है। लाल चंद वहां कैसे पहुंचा इसकी जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने अपराध किया है उनके खिलाफ कानून के तहत कार्रवाई होगी, सरकार किसी को नहीं बख्शेगी। राजस्थान के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एन आर के रेड्डी के अनुसार लाल चंद की मौत पुलिस गोली से नहीं हुई है। पुलिस ने पूरे घटनाक्रम में कोई गोली नहीं चलाई है। उन्होंने कहा, रैली में आए लोगों ने अचानक उत्तेजित होकर पुलिस पर पथराव किया जिसमें नागौर के पुलिस अधीक्षक पारिस देशमुख, आईपीएस अधिकारी मोनिका सेन सहित 24 चौबीस पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया। सूत्रों के अनुसार, उन्मादी पुलिस अधीक्षक के अंगरक्षक की एके 47 और एक अन्य पुलिसकर्मी की रिवाल्वर छीन कर फरार हो गये। रेड्डी ने बताया कि हालात तनावपूर्ण, लेकिन नियंत्रण में हैं। स्थानीय हालात को देखते हुए प्रभावित क्षेत्रों में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। उक्त रैली श्रीराजपूत करणी सेना और अन्य राजपूत संगठनों ने पुलिस मुठभेड़ में 24 जून को मारे गये कुख्यात अपराधी आनंदपाल सिंह के प्रकरण की सीबीआई से जांच करवाये जाने समेत चार सूत्रीय मांग को लेकर बुलायी गयी थी। आनंदपाल सिंह का शव उसके पैतृक गांव सांवराद में रखा हुआ है, परिजन मांगे पूरी होने के बाद ही अंतिम संस्कार करने की बात पर अड़े हुए हैं। वहीं सांवराद में मौजूदा हालात के कारण रेल और बस सेवाएं प्रभावित हुई हैं। रेलवे के प्रवक्ता कमल जोशी के अनुसार गाड़ी संख्या 74851 रतनगढ़-सरदारशहर और सरदारशहर-रतनगढ़ एक्स्रप्रेस का संचालन आगामी आदेश तक रद्द कर दिया गया है। जोधपुर हिसार एक्स्प्रेस को आंशिक रूप से रद्द कर दिया गया है। रोडवेज प्रवक्ता सुधीर भाटी के अनुसार कल नागौर, बीकानेर, झुंझुनू और सीकर जिले में बस सेवाओं का संचालन प्रभावित हुआ था लेकिन गुरुवार को सांवराद इलाके से गुजरने वाली बसों को छोड़कर शेष मार्ग पर बसों का संचालन सामान्य हो गया है।