नागौर: कुख्यात गैंगस्टर आनंदपाल सिंह के पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने की घटना की सीबीआई जांच की मांग करते हुए नागौर जिले में भारी तादाद में जमा हुए लोगों की बुधवार को पुलिस से झड़प हो गई। प्रदर्शनकारियों ने एसपी पारस देशमुख की गाड़ी में आग लगा दी। चार बसों में आग लगा दी गई। डिडवाना के पास लोगों ने रेलवे ट्रैक से फिशप्लेट उखाड़ने की भी कोशिश की। सरकार के मुताबिक उपद्रवियों को खदेड़ने के लिए केवल रबर की गोलियों, आंसू गैस और लाठीचार्ज किया गया। इस पूरे घटनाक्रम में मूल रूप से हरियाणा के रहने वाले एक शख्स की मौत हो गई (अभी मृत्यु के कारणों के बारे में पता नहीं चल सका है)। 21 पुलिसकर्मी जख्मी हुए हैं और सात नागरिक घायल हुए हैं। भारी तनाव को देखते हुए वहां कर्फ्यू लगा दिया गया है और इंटरनेट सेवा भी बंद कर दी गई है। इलाके में भारी संख्या में पुलिस तैनात की गई है और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी स्थिति पर करीबी निगाहें बनाए हुए हैं। गौरतलब है कि आनंदपाल के परिजन इस मुठभेड़ पर सवाल उठाते हुए इसकी सीबीआई से जांच करवाने की मांग मानने पर ही उसके शव का अंतिम संस्कार करने पर अड़े हुए हैं।
गौरतलब है कि आनंदपाल करीब डेढ़ साल पहले एक अदालत में पेशी के बाद अजमेर केंद्रीय कारागृह लौटते समय सुरक्षाकर्मियों की कथित मिलीभगत से फरार हो गया था। राजस्थान पुलिस की विशेष अभियान समूह ने गत 24 जून को एक मुठभेड़ में आनंदपाल को मार गिराया था। पुलिस ने अगले दिन 25 जून को शव का पोस्टमार्टम करवा कर परिजनों को शव लेने के लिए पुलिस नियमों के तहत नोटिस जारी किया, बावजूद परिजनों ने पुलिस मुठभेड़ की सीबीआई से जांच करवाने के आदेश नहीं होने तक शव लेने से इनकार कर दिया था। परिजनों ने शव के पोस्टमार्टम पर सवाल उठाते हुए अदालत में तय मापदंड के अनुरूप पोस्टमार्टम नहीं होने की याचिका दायर की. चूरू जिले की रतनगढ़ की एक अदालत ने 29 जून को याचिका पर सुनवाई कर पुलिस को जिला स्तरीय अस्पताल में शव का पोस्टमार्टम करवाने के आदेश दिए थे। 30 जून को शव का दोबारा पोस्टमार्टम करवाने के बाद देर रात 1 जुलाई को नागौर पुलिस ने अंतिम संस्कार के लिए शव परिजनों को सौंप दिया, लेकिन परिजन पुलिस मुठभेड़ प्रकरण की जांच सीबीआई से होने के आदेश जारी होने के बाद ही अंतिम संस्कार करने पर अड़े हुए हैं।