नई दिल्ली: राजस्थान के बहुचर्चित भंवरी देवी हत्याकांड मामले की एक आरोपी इंदिरा विश्नोई को राजस्थान पुलिस की एटीएस ने कल रात नेमावर क्षेत्र में गिरफ्तार कर लिया। वह बीते छह साल से फरार थी। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अनिल पाटीदार ने आज (शनिवार) बताया कि भंवरी देवी हत्याकांड मामले की आरोपी इंदिरा को राजस्थान पुलिस ने मध्यप्रदेश पुलिस के सहयोग से कल रात यहां नेमावर के पास गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, इंदिरा को भगोड़ा घोषित कर उस पर पांच लाख रूपये का ईनाम रखा गया था। इंदिरा मध्यप्रदेश के देवास जिला मुख्यालय से लगभग 150 किमी दूर नर्मदा नदी के किनारे नेमावर में ठिकाना बना कर रह रही थी। उसके एक समर्थक ने उसे अपने यहां पनाह दे रखी थी। जानकारी के अनुसार, इंदिरा मोबाइल फोन और एटीएम का उपयोग भी नहीं कर रही थी ताकि पुलिस को उसका सुराग न मिल सके। भंवरी देवी हत्याकांड के आरोपी पूर्व कांग्रेस विधायक मलखान सिंह की बहन इंदिरा को सीबीआई काफी समय से तलाश रही थी। उसकी सूचना देने वाले को इनाम देने का ऐलान भी किया गया था। शनिवार को इंदिरा बिश्नोई मध्य प्रदेश के देवास जिले में एटीएस के हत्थे चढ़ गई। इंदिरा विश्नोई वहीं औरत है जिसने भंवरी देवी को सीडी के सहारे ब्लैकमेल करना सीखाया था।
भंवरी देवी हत्याकांड में कांग्रेस के दो पूर्व विधायक महिपाल सिंह और मलखान सिंह आरोपी हैं। महिपाल सिंह तत्कालीन गहलोत सरकार में मंत्री थे। लेकिन इस हत्याकांड का खुलासा होने के बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। एटीएस ने इंदिरा को जोधपुर में सीबीआई टीम के हवाले कर दिया है। भंवरी देवी का ताल्लुक राजस्थान की नट बिरादरी से था। वह जोधपुर के नजदीक पैनन कस्बे के एक सरकारी अस्पताल में बतौर नर्स काम करती थी। उसकी शादी भी हो चुकी थी। पर मॉडलिंग और राजस्थानी एल्बम को सीढ़ी बना कर वह राजस्थानी फिल्मों की हीरोईन बनने का सपना पाले बैठी थी। लिहाजा अपने इस ख्वाब को पूरा करने के लिए वह कुछ भी कर सकती थी। गांव के अस्पताल में ले देकर एक ही वही नर्स थी और वो भी ड्यूटी से गायब रहती थी। लिहाजा गांव वालों की शिकायत पर भंवरी देवी को नौकरी से सस्पेंड कर दिया गया था। इसी के बाद वह कांग्रेस विधायक मलखान सिंह और महिपाल सिंह के संपर्क में आई थी। उन दोनों को भंवरी ने विश्वास में ले लिया था। उन दोनों ने ही भंवरी को राजस्थान के जल संसाधन मंत्री महिपाल मदेरणा से मिलवाया था, बस वहीं से इस हत्याकांड की इबारत लिखनी शुरू हो गई थी।