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अजमेर: बीफ पर बयान देने से अजमेर दरगाह के दीवान सैयद जैनुल आबेदीन अली खान की मुश्किलें बढ़ गई हैं। उनको दीवाने के पद से हटाने का एलान किया गया है। उन्होंने पीएम मोदी से देश में गौवंश के वध और इनके मांस की बिक्री पर रोक लगाने की मांग की थी। साथ ही मुस्लिम समाज से कहा था कि वे पहल करें ताकि बीफ को लेकर दो समुदायों के बीच पनप रहे वैमनस्य पर विराम लगे। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उनके भाई अलाउद्दीन आलिमी ने जैनुल को पद से हटाने का एलान किया और स्वयं को दीवान घोषित कर दिया। जैनुल ने तीन तलाक को भी गलत बताया था। उन्होंने कहा था कि उनके पूर्वज ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती ने इस देश की संस्कृति को इस्लाम की नियमों के साथ अपना कर मुल्क में अमन-शान्ति और मानव सेवा के लिये जीवन सर्मपित किया। उसी तहजीब को बचाने के लिये गरीब नवाज के 805 उर्स के मौके पर वह और उनका परिवार बीफ के सेवन त्यागने की घोषणा करता है। वह हिन्दुस्तान के मुसलमानों से यह अपील करते हैं कि देश में सद्भावना के पुनस्थार्पन के लिये इसको त्याग कर मिसाल पेश करें।

उन्होंने कहा कि गौवध और इनके मांस की बिक्री पर रोक लगने से इस मुल्की मजहबी रवादारी मोहब्बत और सद्भावना फिर से उसी तरह कायम हो सकेगी, जैसी सैकड़ों सालों से रही है।

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