ताज़ा खबरें
एलजी ने सीएम आतिशी को केजरीवाल से ‘हजार गुना बेहतर’ बताया
कैशकांड पर विनोद तावड़े ने राहुल-खड़गे-श्रीनेत को भेजा कानूनी नोटिस

जयपुर: उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्‍यों में विधानसभा चुनावों की सरगर्मी जोरों पर है। ऐसे में राष्‍ट्रीय स्‍वयंसेवक संघ के वरिष्‍ठ पदाधिकारी की ओर से आरक्षण जैसे संवेदनशील मुद्दे पर एक बार फिर ऐसा बयान आया है जिसकी वजह से इन चुनावों में भी भाजपा का हाल बिहार चुनाव की तरह ना हो जाए। संघ के प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य ने जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में आरक्षण पर बोलते हुए कहा कि इतने सालों में इसका कोई फायदा नहीं हुआ. ऐसे में इस पर विचार किये जाने की जरूरत है। उन्‍होंने कहा कि सभी को समान रूप से अधिकार मिलना चाहिए। मनमोहन वैद्य ने कहा है कि दलितों को मिला आरक्षण ख़त्म कर दिया जाना चाहिए। उन्हें शिक्षा दी जानी चाहिए, कोटा नहीं। उन्‍होंने कहा, 'डॉ. अंबेडकर ने कहा है कि आरक्षण एक समय के बाद ख़त्म कर दिया जाना चाहिए। लंबे समय से उनके साथ भेदभाव का व्यवहार हुआ इसके चलते आरक्षण की प्रक्रिया शुरू की गई। लेकिन अब सबको बराबर का मौक़ा मिलना चाहिए और दलितों लोगों के लिए अन्य प्रकार से हल ढूंढना चाहिए। मनमोहन वैद्य ने कहा कि आरक्षण के नाम पर लोगों को सैकड़ों साल से अलग करके रखा गया है जिस खत्म करने की जिम्मेदारी हमारी है।

उन्होंने कहा कि आरक्षण को खत्म करना होगा क्योंकि इससे अलगाववाद को बढ़ावा मिला है। यह पहली बार है जब संघ की कोर टीम के दो दिग्गज सह सरकार्यवाह दत्तात्रेय हॉसबोले और अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य जयपुर लिटरेचर फेस्टीवल में हिस्सा लिया। उधर राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने मनमोहन वैद्य के इस बयान की कड़ी आलोचना की है। लालू ने ट्वीट कर कहा कि आरक्षण संविधान द्वारा दिया गया अधिकार है, किसी जातिवादी संगठन की खैरात नहीं। इसे छीनने वालों को औकात में लाना कमजोर वर्ग को आता है। गौरतलब है कि इससे संघ प्रमुख मोहन भागवत ने बिहार चुनावों से पहले आरक्षण केा खत्म करने को लेकर बयान दिया था। इसके बाद जदयू और जेडीयू ने चुनावी सभाओं में इस मामले को उठाया। इसका फायदा उन्हें चुनावों भी मिला और भाजपा को इसका भारी नुकसान उठाना पड़ा।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख