नई दिल्ली: देशभर में चांद के दर्शन करने के बाद अब सुहागिनों का महापर्व करवा चौथ संपन्न हो गया है। सुहागिनों ने चांद के दर्शन और पूजन के के बाद पति के हाथों से जल ग्रहण कर व्रत को पूरा किया।
सुहागिनों का महापर्व करवा चौथ पूरा हुआ। आज पति की लम्बी आयु के लिए महिलाओं ने निर्जला व्रत रखते हुए शाम को पारंपरिक रीति-रिवाज के अनुसार चंद्रमा के दर्शन और पूजन करते हुए व्रत का पारण किया। आज के दिन महिलाएं 16 श्रृंगार कर सजती-संवरती हैं, करवा माता की पूजा करती है और शाम होते ही सभी की निगाहें आसमान में होती है।
करवा चौथ पर चंद्रमा के पूजन के बाद ही व्रत पूरा होता है। इस दिन चंद्रमा पूजन को महत्वपूर्ण माना जाता है। यही कारण है कि करवा चौथ को चांद का पर्व कहा जाता है। आइये आपको बताते हैं आज करवा चौथ के दिन आपके शहर में कितने बजे होगी चांद की दस्तक।
वैदिक पंचांग के अनुसार वैसे तो आज चांद निकलने का समय रात 07 बजकर 54 मिनट है। लेकिन विभिन्न शहरों में चांद निकलने के समय कुछ मिनट का अंतर होता है।
चंद्रमा के दर्शन होने के बाद ही चांद की पूजा करें और अर्घ्य दें। फिर छलनी की ओट चांद को देखें और अपने पति का मुख देखें। इसके बाद पति के हाथ से जल ग्रहण कर अपना व्रत खोलें।
कई बार ऐसा होता है कि खराब मौसम होने या आसमान में काले बादल छा जाने पर चांद दिखाई नहीं देता। लेकिन चंद्रमा पूजन के बिना करवा चौथ का व्रत अधूरा माना जाता है। अगर आपके शहर में चांद आज करवा चौथ पर बादलों में छिप जाए और दिखाई न दे तो ऐसे में जान लीजिए कि व्रती को अपना व्रत कैसे खोलना चाहिए या पूजा कैसे करनी चाहिए।
बादलों में छिप जाए चांद तो क्या करें
आज किसी कारण अगर चांद दिखाई न दे तो आप भगवान शिव की ऐसी तस्वीर जिसमें उनके मस्तक पर चंद्रमा विराजमान हो उसे देखकर भी व्रत खोला जा सकता है।
जिस दिशा में चंद्रोदय होता है उसी दिशा में चावल से चंद्रमा बनाकर और पूजा करने के बाद भी व्रत खोल सकते हैं। इसके लिए चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं और चावल से चंद्रमा बनाएं। ऊं चतुर्थ चंद्राय नम: मंत्र का जाप करते हुए अपना करवा चौथ व्रत खोलें।
किसी कारण चांद का दीदार न हो है तो जिस दिशा से चंद्रोदय होता है उस ओर मुंह करके चंद्रमा का ध्यान करें, पूजा करें और अर्घ्य देकर भी व्रत खोला जा सकता है।
किसी दूसरे शहर में अगर चांद आसमान में दिखाई दे तो फोन पर वहां की तस्वीर मंगवाकर या वीडियो कॉल के माध्यम से भी चंद्रमा के दर्शन कर आप अर्घ्य देकर भी आप व्रत खोल सकते हैं।
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