नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): भारत के चुनाव आयोग ने मंगलवार (15 अक्टूबर) को महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 की तारीखों का एलान कर दिया। महाराष्ट्र में 20 नवंबर को वोटिंग होगी। जबकि झारखंड में दो फेज में चुनाव होंगे। पहले फेज की वोटिंग 13 नवंबर को होगी। दूसरे फेज की वोटिंग 20 नवंबर को होगी। दोनों राज्यों के नतीजें 23 नवंबर को आएंगे। इसके साथ ही 13 राज्यों की 48 विधानसभा सीटों और 2 लोकसभा सीटों पर उपचुनाव का एलान भी किया गया है।
झारखंड मेंं 13 और 20 नवंबर को मतदान
झारखंड में पहले फेज की वोटिंग 13 नवंबर को और 20 नवंबर को दूसरे फेज की वोटिंग होनी है। पहले फेज की गजट नोटिफिकेशन की तारीख 18 अक्टूबर 2024 है। दूसरे फेज के नोटिफिकेशन की तारीख 22 अक्टूबर है। पहले फेज के नॉमिनेशन की आखिरी तारीख 25 अक्टूबर को है। दूसरे फेज की नॉमिनेशन की आखिरी तारीख 29 अक्टूबर को है। पहले फेज के नॉमिनेशन की जांच की आखिरी तारीख 28 अक्टूबर और दूसरे फेज के नॉमिनेशन की जांच की आखिरी तारीख 30 अक्टूबर है।
पहले फेज के कैंडिडेट 30 अक्टूबर तक नॉमिनेशन वापस ले सकेंगे। जबकि दूसरे फेज के कैंडिडेट 1 नवंबर को अपना नामांकन वापस ले सकते हैं। चुनाव के नतीजे 23 नवंबर को आएंगे।
13 राज्यों 48 विधानसभा सीट और दो लोकसभा सीटों पर उपचुनाव
उत्तर प्रदेश की 10, राजस्थान की 7, पश्चिम बंगाल की 6, असम की 5, बिहार की 4, पंजाब की 4, कर्नाटक की 3, केरल की 2, मध्य प्रदेश की 2, सिक्किम की 2, गुजरात की 1, उत्तराखंड की 1 और छत्तीसगढ़ की 1 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है। इसके साथ ही केरल की वायनाड सीट और महाराष्ट्र की नांदेड़ सीट पर भी उपचुनाव होने हैं।
कब होना है उपचुनाव?
47 विधानसभा सीटों और केरल की वायनाड लोकसभा सीट पर 13 नवंबर को उपचुनाव होंगे। वायनाड सीट राहुल गांधी के इस्तीफे के कारण खाली हुई है। राहुल गांधी अभी रायबरेली से सांसद हैं। वहीं, उत्तराखंड की केदारनाथ विधानसभा सीट और महाराष्ट्र की नांदेड़ लोकसभा सीट पर 20 नवंबर को उपचुनाव होंगे। महाराष्ट्र की नांदेड़ सीट कांग्रेस सांसद वसंतराव चव्हाण के निधन के कारण खाली हुई है। उपचुनाव के नतीजे भी 23 नवंबर को आएंगे।
मौजूदा विधानसभा की स्थिति
महाराष्ट्र विधानसभा में कुल 288 सीटें हैं। बहुमत का आंकड़ा 145 है। मौजूदा महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर 2024 तक खत्म हो रहा है। अभी महाराष्ट्र विधानसभा में बीजेपी के 103 विधायक हैं। शिवसेना के 37, एनसीपी के 39 विधायक हैं। इसके साथ ही छोटे दलों से 9 सदस्य और 13 निर्दलीय भी विधानसभा में हैं। बीजेपी की अगुवाई वाले गठबंधन को महायुति कहा जाता है।
कांग्रेस, शरद पवार गुट और उद्धव ठाकरे का गठबंधन महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष में है। कांग्रेस के 37, शिवसेना यूबीटी के 37, एनसीपी (शरद चंद्र पवार) के 13 विधायक हैं। एक स्वंतत्र सदस्य भी गठबंधन का हिस्सा है। वहीं, भारतीय शेतकरी कामगार पक्ष के एक विधायक हैं। महाराष्ट्र की विधानसभा में इसके साथ ही एमआईएम के 2, समाजवादी पार्टी के 2 और सीपीआई(एम) का 1 विधायक हैं।
कैसा रहा था 2019 का महाराष्ट्र चुनाव?
2019 में महाराष्ट्र में 21 अक्टूबर को एक ही फेज में वोटिंग कराई गई थी। वोटिंग पर्सेंट 61.4% रहा था। गठबंधन में चुनाव लड़ रही बीजेपी ने 105 सीटें और शिवसेना ने 56 सीटें जीती थी। गठबंधन से एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिलीं थी। हालांकि, सीएम पद को लेकर विवाद हुआ और बीजेपी-शिवसेना का 25 साल का गठबंधन टूट गया।
फिर शुरू हुआ सियासी ड्रामा
23 नवंबर 2019 को सुबह-सुबह देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री और अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली। हालांकि, सियासी उथल-पुथल के बीच फ्लोर टेस्ट से पहले ही 26 नवंबर 2019 को दोनों ने इस्तीफा दे दिया। बाद में 28 नवंबर को उद्धव ठाकरे ने एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बना ली। इस गठबंधन को महाविकास अघाड़ी कहा गया। फिर शिवसेना में बगावत हुई। पार्टी के दो गुट हो गए। चुनाव आयोग ने एकनाथ शिंदे के गुट को असली शिवसेना माना। एकनाथ शिंदे ने बीजेपी के साथ गठबंधन करके सरकार बना ली। देवेंद्र फडणवीस डिप्टी सीएम बने। इसके बाद उद्धव ठाकरे की महाविकास अघाड़ी सरकार गिर गई। जुलाई 2023 में एनसीपी में टूट हुई। अजित पवार ने अपने चाचा शरद पवार से बगावत कर दी और शिंदे-बीजेपी सरकार में शामिल हो गए। उन्हें दूसरा डिप्टी सीएम बनाया गया। बाद में चुनाव आयोग ने भी अजित पवार के गुट को असली एनसीपी माना।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव कांग्रेस ने अपॉइंट किए ऑब्जर्वर
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने अशोक गहलोत, सचिन पायलट और अन्य बड़े नेताओं को ऑब्जर्वर यानि पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। इसके अलावा कांग्रेस ने क्षेत्रों के हिसाब से भी अन्य कई नेताओं को नियुक्त किया है।
किसे मिली कहां की जिम्मेदारी?
मुंबई और कोंकण के लिए अशोक गहलोत और डॉ. जी. परमेश्वर ऑब्जर्वर बनाए गए हैं। विदर्भ (अमरावती और नागपुर) के लिए भूपेश बघेल, चरणजीत सिंह चन्नी और उमंग सिंघार ऑब्जर्वर बनाए गए हैं। मराठवाड़ा में सचिन पायलट, उत्तम कुमार रेड्डी ऑब्जर्वर हैं। जबकि पश्चिमी महाराष्ट्र की जिम्मेदारी टी.एस. सिंहदेव, एम.बी. पाटिल को दी गई है। उत्तर महाराष्ट्र की बात करें तो यहां डॉ. सैयद नसीर हुसैन और डी.अनसूया सीताक्का को ऑब्जर्वर बनाया गया है। राज्य चुनाव वरिष्ठ समन्वयक के रूप में पार्टी ने मुकुल वासनिक और अविनाश पांडे को चुना है।