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लखनऊ: सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा और उसकी सरकार समाजवादियों को जेपी को याद नहीं करने दे रही है। इसलिए बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भाजपा गठबंधन सरकार से बाहर आएं, क्योंकि नीतीश कुमार जेपी आंदोलन से ही निकले हैं। उन्होंने फिर दोहराया कि सरकार जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर (जेपी सेंटर) को अपने लोगों को बेचने की साजिश कर रही है।

लोकनायक की जयंती पर लगातार दूसरे साल घमासान

अखिलेश शुक्रवार को अपने आवास के बाहर जेपी को श्रद्धांजलि देने के बाद मीडिया के बीच अपनी बात रख रहे थे। उन्होंने कहा कि हर साल ही समाजवादी जेपी सेंटर में श्रद्धांजलि देने जाते थे, पता नहीं क्या कारण है कि सरकार अब हमें रोक रही है। इसलिए हम सड़क पर खड़े होकर जेपी को याद करने के लिए मजबूर हैं। यह सरकार हर अच्छा काम रोक रही है।

अखिलेश ने कहा कि हम हर साल जेपी की जंयती मनाएंगे। यह पुलिस कब तक खड़ी रहेगी। जैसे ही पुलिस हटेगी, हम लोग फिर वहीं जाकर सम्मान करने का काम करेंगे।

उन्होंने कहा कि यह सरकार गूंगी बहरी तो थी ही, अब तो इसे दिखाई भी नहीं दे रहा है। यह विकासवादी नहीं, विनाशकारी सरकार है।भाजपा समाजवादियों को उनका त्योहार तक मनाने नहीं दे रही है। जो भी समाजवादी सोच के लोग सरकार में हैं, वे भाजपा का साथ छोड़ें। उन्होंने कहा कि जेपीएनआईसी को लोहिया पार्क के बराबर में इसलिए बनाया गया था कि समाजवादी नेताओं को एक ही जगह सम्मान दे सकें। सरकार इसे बेचकर मुनाफा कमाना चाहती है।

सरकार में ही मौजूद हैं बिच्छू

यह पूछे जाने पर कि सरकार ने सुरक्षा कारणों से आपको (अखिलेश) को जेपी सेंटर नहीं जाने दिया, अखिलेश ने कहा कि जो सरकार भेड़ियों और गुलदारों से गरीबों को नहीं बचा पा रही है, वो हमारे स्वास्थ्य की चिंता क्यों कर रही है। अगर वहां हमारी सुरक्षा को खतरा था, तो हमें सुरक्षा के साथ बाहर ले जाना चाहिए था। यह सरकार की जिम्मेदारी थी। उन्होंने कहा कि बिच्छू जेपी सेंटर में नहीं, सरकार में मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता आंदोलन में भाजपा का कोई योगदान नहीं रहा है। इसलिए स्वतंत्रता आंदोलन में योगदान देने वालों का सम्मान करने से रोका जा रहा है।

सीएम को नहीं पता जेपी का योगदान

अखिलेश ने कहा कि जेपी सेंटर का निर्माण पूरा करके उसे जनता के लिए खोलने की जिम्मेदारी सरकार की है। अपने ठेकेदार को काम देने के बावजूद केंद्र का काम पूरा नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि जेपी सेंटर के संबंध में जांच रिपोर्ट कभी नहीं आएगी, क्योंकि इसमें उन्हीं के लोग शामिल हैं। उन्होंने कहा कि सीएम को जेपी के योगदान के बारे में पता होता तो नवरात्र के दिन इस तरह से फोर्स नहीं लगाते।

अखिलेश को नहीं है सब्र

इस मामले में जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा है कि अखिलेश यादव मध्य रात्रि में श्रद्धांजलि देने पहुंचे गए। उन्हें सब्र रखना चाहिए था। अखिलेश यादव उनके मुल्यों की परवाह तो करते नहीं हैं, फिर श्रद्धांजलि देने का क्या मतलब।

लोकनायक की जयंती पर लगातार दूसरे साल घमासान

इमरजेंसी में विपक्ष के अगुवा बने लोक नायक जय प्रकाश नारायण की जयंती पर लगातार दूसरे साल घमासान देखने को मिला। गोमतीनगर स्थित जेपी एनआईसी के साथ ही समाजवादी पार्टी के विक्रमादित्य मार्ग स्थित कार्यालय के बाहर बेरिकेटिंग कर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया।

अखिलेश यादव ने पिछले साल जय प्रकाश नाराण की जयंती पर जेपी सेंटर का गेट फांदकर उनकी मूर्ति पर माल्यार्पण किया था। इसके बाद वहां जमकर हंगामा हुआ था। भारी संख्या में सपा कार्यकर्ता वहां जाकर जम गए थे। इसके चलते वहां दिन भर जाम जैसी स्थिति बनी रही थी। इसको देखते हुए प्रशासन ने लोक नायक की जयंती से एक दिन पहले ही जेपीएनआईसी के गेट पर टिनशेड लगवा दिए। इसकी सूचना पाकर अखिलेश यादव बृहस्पतिवार रात ही वहां पहुंचे थे। शुक्रवार को जय प्रकाश नारायण की जयंती पर जेपीएनआईसी और सपा कार्यालय के बाहर कई जगह बेरिकेटिंग करके चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात कर दी गई।

जेपीएनआईसी का एक किलोमीटर दायरा रहा सील

सपा कार्यकर्ताओं के भारी संख्या में पहुंचने की आशंका में प्रशासन ने जेपीएनआईसी के एक किलोमीटर का दायरा पूरी तरह से सील कर दिया। 1090 चौराहा, समतामूलक चौराहा और अंबेडकर पार्क चौराहे से किसी को भी जेपीएनआईसी की ओर नहीं जाने दिया गया। छुट्टी का दिन होने की वजह से इसके चलते कोई अव्यवस्था या जाम की स्थिति नहीं बनी। राहगीरों को लंबा चक्कर लगाकर अपने गंतव्य स्थल जाना पड़ा।

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