मुंबई: दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा का पार्थिव शरीर अंतिम संस्कार के लिए वर्ली श्मशान घाट लाया गया, जहां पूरे राजकीय सम्मान के साथ रतन टाटा का अंतिम संस्कार किया गया। बिजली से अग्निदाह किया गया। रतन टाटा की अंतिम यात्रा वर्ली श्मशान घाट पहुंची। यहां उनके पार्थिव शरीर को पुलिसकर्मियों ने राजकीय सम्मान के साथ अंतिम यात्रा वाहन से उतारा और श्मशान घाट के अंदर ले गए। रतन टाटा के पार्थिव शरीर को महाराष्ट्र पुलिस के जवानों ने तिरंगे से ढका और सलामी दी। उनकी अंतिम यात्रा शुरू हो गई है।
रतन टाटा को वर्ली के शवदाह गृह में दिया गया गार्ड ऑफ ऑनर
उद्योगपति रतन टाटा के पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए वर्ली स्थित शवदाह गृह लाया गया और मुंबई पुलिस ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल इस दौरान मध्य मुंबई स्थित शवदाह गृह में उपस्थित थे।
टाटा के पार्थिव शरीर को दक्षिण मुंबई स्थित राष्ट्रीय कला प्रदर्शन केंद्र (एनसीपीए) में जनता के अंतिम दर्शन के लिए सुबह 10.30 बजे से अपराह्न 3.55 बजे तक रखा गया, जहां विभिन्न वर्गों के हजारों लोग उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे।
अहनावेति विधि से होगा अंतिम संस्कार
रतन टाटा का अंतिम संस्कार पारसी रीति रिवाज से होगा। वर्ली श्मशान घाट में उनका पार्थिव शरीर पहले प्रार्थना कक्ष में रखा जाएगा। इसमें 200 लोग मौजूद रह सकते हैं। रतन टाटा का अंतिम संस्कार अहनावेति विधि से होगा। इससे पहले गेह सारनू पढ़ा जाएगा। इसके बाद अग्निदाह किया जाएगा।
दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा का 86 वर्ष की उम्र में स्वर्गवास हो गया। टाटा समूह ने इसकी जानकारी दी है। टाटा समूह ने कहा कि अपार दुख के साथ हम अपने प्रिय रतन के शांतिपूर्ण निधन की घोषणा करते हैं। हम, उनके भाई, बहन और स्वजन, उनकी प्रशंसा करने वाले सभी लोगों के प्रेम और सम्मान से सांत्वना महसूस करते हैं।
रतन टाटा के स्वर्गवास पर टाटा समूह के अध्यक्ष एन चन्द्रशेखरन ने कहा कि अत्यंत दुख के साथ हम रतन नवल टाटा को विदाई दे रहे हैं। वह वास्तव में एक असाधारण नेतृत्वकर्ता थे, जिनके अतुलनीय योगदान ने न केवल टाटा समूह को बल्कि राष्ट्र को भी आकार दिया है।
'एक सच्चे देशभक्त थे रतन टाटा': पूर्व राष्ट्रपति कोविंद
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा, "वे सादगी और विनम्रता की प्रतिमूर्ति थे। जब भी मैं उन्हें राष्ट्रपति भवन में भोज के दौरान आमंत्रित करता था, इतने प्रसिद्ध उद्योगपति होने के बावजूद, मैंने उनकी विनम्रता देखी कि वे कभी भी हमारे देश के बड़े उद्योगपतियों में से एक नहीं लगते थे, वे एक देशभक्त, एक साधारण व्यक्ति लगते थे और हमेशा प्रोटोकॉल का पालन करते थे। मैंने देखा कि उनकी सोच बहुत अच्छी थी। ज्यादातर उद्योगपति पैसे के लिए उद्योग लगाते हैं, लेकिन वे सभी से कहते थे कि अगर आप लोग उद्योग लगाना चाहते हैं, तो हमेशा राष्ट्रीय हित होना चाहिए। जब हम टाटा समूह के किसी भी उद्योग को देखेंगे, तो हमें उनमें सबसे ज्यादा राष्ट्रीय हित ही दिखेगा।"
एक बिजनेस आइकॉन से कहीं ज्यादा थे रतन टाटा: मनमोहन सिंह
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन के लिखे लेटर में कहा,"रतन टाटा एक बिजनेस आइकॉन से कहीं ज्यादा थे। वे अपने विजन और मानवता के लिए किए गए कामों के लिए याद किए जाएंगे। उनमें सत्ता में बैठे व्यक्ति से सच बोलने का साहस था।"
लालकृष्ण आडवाणी ने रतन टाटा को दी श्रद्धांजलि
रतन टाटा के स्वर्गवास पर शोक संदेश में भारत रत्न और वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी ने कहा,"रतन टाटा जी से मेरी आखिरी बातचीत इस साल फरवरी में हुई थी, जब मुझे उनका एक गर्मजोशी भरा पत्र मिला था, जिसमें उन्होंने मुझे भारत रत्न से सम्मानित किए जाने पर बधाई दी थी। उनकी गर्मजोशी, उदारता और दयालुता हमेशा से बहुत प्यारी रही है।"
रतन टाटा ने देश को एक वैश्विक पहचान दी: फडणवीस
उद्योगपति रतन टाटा का पार्थिव शरीर कोलाबा स्थित उनके आवास पर ले जाया गया। वहीं, रतन टाटा के निधन पर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि रतन टाटा जी बहुत ही सफल उद्योगपति तो थे ही लेकिन उससे भी बड़े व्यक्ति के रूप में हम उन्हें देखते हैं। उन्होंने देश और समाज के लिए काम किया है। उन्होंने केवल सफल उद्योग नहीं बल्कि एक ऐसा ब्रांड खड़ा किया जिसने हमारे देश को एक वैश्विक पहचान दी... देश के लिए ये बहुत बड़ा नुकसान है।
झारखंड में एक दिवसीय शोक
झारखंड सरकार ने एक दिवसीय शोक की घोषणा की है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एक्स पर अपने शोक संदेश में लिखा है कि झारखंड जैसे देश के पिछड़े राज्य को विश्व में पहचान दिलाने वाले टाटा समूह के पूर्व चेयरमैन एवं पद्यविभूषण रतन टाटा जी के देहावसान पर एक दिवसीय राजकीय शोक की घोषणा की जाती है।
रतन टाटा का निधन एक युग का अंत: विदेश मंत्री एस जयशंकर
रतन टाटा के निधन पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शोक जाहिर करते हुए लिखा," रतन टाटा का निधन एक युग का अंत है। वे भारतीय उद्योग के आधुनिकीकरण से बहुत गहराई से जुड़े थे। और उससे भी ज़्यादा इसके वैश्वीकरण से। मुझे कई मौकों पर उनसे बातचीत करने का सौभाग्य मिला। और उनकी दूरदर्शिता और अंतर्दृष्टि से लाभ हुआ। उनके निधन पर शोक व्यक्त करने वाले पूरे देश के साथ जुड़ें। ओम शांति।"
सीएम धामी बोले- उनका जीवन हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ट्वीट किया, "भारत के प्रसिद्ध उद्योगपति श्री रतन टाटा जी के निधन का अत्यंत दुखद समाचार प्राप्त हुआ। उन्होंने देश की औद्योगिक प्रगति और सामाजिक विकास के लिए अपना संपूर्ण जीवन समर्पित किया। उनका दृष्टिकोण, समर्पण और व्यावसायिक कुशलता न केवल टाटा समूह को नई ऊंचाइयों तक ले गई, बल्कि राष्ट्र के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया। उन्होंने रोजगार सृजन, समाज के सशक्तिकरण और नवाचार के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य किया। उनका जीवन हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है।"