नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर और हरियाणा की 90-90 विधानसभा सीटों के लिए वोटिंग हो चुकी है। अब बारी फाइनल स्कोर की है। मंगलवार (8 अक्टूबर) को वोटों की गिनती होगी और नतीजे सबके सामने होंगे। जम्मू-कश्मीर में चुनाव के नतीजों से 2019 में आर्टिकल 370 को निरस्त किये जाने के बाद केंद्र शासित प्रदेश में पहली निर्वाचित सरकार के गठन का रास्ता साफ होगा। वहीं, हरियाणा में बीजेपी को हैट्रिक लगाने की उम्मीद है। जबकि एग्जिट पोल के अनुमान से उत्साहित विपक्षी दल कांग्रेस 10 साल बाद सत्ता में वापसी की आस लगाए बैठी है। वोटों की गिनती सुबह 8 बजे से शुरू होगी। पहले पोस्टल बैलेट गिने जाएंगे। इसके बाद ईवीएम से डाले गए वोटों की गिनती होगी। सुबह 9 बजे तक शुरुआती रुझान आने लगेंगे। जबकि दोपहर बाद फाइनल नतीजों की तस्वीर साफ हो जाएगी।
जम्मू-कश्मीर विधानसा चुनाव में मुख्य रूप से मुकाबला कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) गठबंधन, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के बीच रहा। 2014 के बाद से जम्मू-कश्मीर में पहली बार विधानसभा चुनाव तीन फेज में हुए।
18 सितंबर को पहले फेज में 24 सीटों पर वोटिंग हुई। 25 सितंबर को दूसरे फेज में 26 सीटों पर मतदान हुआ। 1 अक्टूबर को तीसरे फेज के तहत 40 सीटों पर वोटिंग कराई गई।
जम्मू-कश्मीर के 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए चुनावी मुकाबले में कुल 873 उम्मीदवार ने अपनी किस्मत आजमाई। इस बार कुल 63.45% वोटिंग हुई. ये 2014 के विधानसभा चुनाव में दर्ज 65.52% से कम है।
जम्मू-कश्मीर के प्रमुख उम्मीदवारों में नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला दो सीटों बडगाम और गंदेरबल से मैदान में हैं। पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के सज्जाद गनी लोन हंदवाड़ा और कुपवाड़ा सीटों से चुनाव लड़ रहे हैं। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष तारिक हामिद कर्रा बटमालू से ताल ठोक रहे हैं। जबकि बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र रैना नौशेरा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं।
शनिवार को आए एग्जिट पोल में नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस गठबंधन को बढ़त हासिल होती दिखाई गई है। क्षेत्रीय पार्टियों को भी कुछ सीटें मिलने की संभावना जताई गई है। वहीं, एग्जिट पोल के नतीजों के मुताबिक, बीजेपी के 2014 के विधानसभा चुनावों में जीती गई 25 सीटों की संख्या में थोड़ा सुधार होने की उम्मीद है। जबकि 10 साल पहले हुए चुनावों में 28 सीटें जीतने वाली पीडीपी को इस बार 10 से भी कम सीटें मिलने का अनुमान है।
नतीजों से एक दिन पहले ही राजनीति भी गरमा गई है। नेशनल कॉन्फ्रेंस के चीफ फारूक अब्दुल्ला ने सोमवार को कहा कि उनकी पार्टी केंद्र शासित प्रदेश में सरकार बनाने के लिए महबूबा मुफ्ती की पार्टी का समर्थन लेने पर विचार करने को तैयार है। फारूक अब्दुल्ला ने खुद को मुख्यमंत्री पद की दौड़ से बाहर बताया। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल किया जाना चाहिए, ताकि नई सरकार के पास लोगों की समस्याओं का समाधान करने की शक्ति हो।
हरियाणा की बात करें, तो यहां की सभी 90 सीटों पर 1 अक्टूबर को वोटिंग हुई थी। लोकसभा चुनावों के बाद हरियाणा में विधानसभा चुनाव बीजेपी और कांग्रेस के बीच पहला बड़ा सीधा मुकाबला है। हरियाणा की 90 सीट पर 464 निर्दलीय और 101 महिलाओं समेत कुल 1,031 उम्मीदवार मैदान में हैं। राज्य में कुल 67.90% वोटिंग हुई थी।
हरियाणा चुनाव में मुख्य पार्टियां बीजेपी, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी (आप), इंडियन नेशनल लोकदल (आईएनएलडी)-बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) और जननायक जनता पार्टी (जेजेपी)-आजाद समाज पार्टी (एएसपी) हैं। ज्यादातर एग्जिट पोल में हरियाणा में कांग्रेस को बंपर बहुमत मिलता दिखाया गया है।
चुनावी मुकाबले में उतरे प्रमुख उम्मीदवारों में मुख्यमंत्री सैनी (लाडवा), विपक्ष के नेता हुड्डा (गढ़ी सांपला-किलोई), आईएनएलडी के अभय चौटाला (ऐलनाबाद), जेजेपी के दुष्यंत चौटाला (उचाना कलां), बीजेपी के अनिल विज (अंबाला कैंट), कैप्टन अभिमन्यु (नारनौंद), ओ पी धनखड़ (बादली), आप के अनुराग ढांडा (कलायत) और कांग्रेस की विनेश फोगाट (जुलाना) हैं। तोशाम सीट से पूर्व सांसद और बीजेपीBJP की नेता श्रुति चौधरी और अनिरुद्ध चौधरी चुनाव लड़ रहे हैं। दोनों चचेरे भाई-बहन हैं।
एग्जिट पोल के नतीजों को खारिज करते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने दावा किया है कि उनकी पार्टी बीजेपी 8 अक्टूबर को पूर्ण बहुमत के साथ तीसरी बार सरकार बनाएगी। उन्होंने कहा कि जब 8 अक्टूबर को नतीजे घोषित होंगे, तो कांग्रेस इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों को दोष देगी। दूसरी ओर, कांग्रेस नेता और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने पूर्ण बहुमत मिलने का विश्वास जताया है। हुड्डा को कांग्रेस के जीतने पर मुख्यमंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे माना जा रहा है।
आईएनएलडी-बीएसपी गठबंधन ने भी दावा किया है कि नतीजे घोषित होने के बाद वह अगली सरकार बनाएगा, जबकि जेजेपी नेता दुष्यंत चौटाला ने विश्वास जताया है कि उनके गठबंधन को जीत मिलेगी। हरियाणा में अपने बलबूते चुनाव लड़ने वाली आप के प्रमुख अरविंद केजरीवाल किंगमेकर होने का दावा करते हैं। उन्होंने कहा कि आप के समर्थन के बिना हरियाणा में कोई सरकार नहीं बन सकती।