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नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): संसद के मानसून सत्र का आज तीसरा दिन है। संसद की कार्यवाही शुरु होने से पहले ही विपक्ष ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सरकार की तरफ से पेश किए गए पूर्ण बजट को लेकर इंडिया गठबंधन के सांसदों ने संसद भवन परिसर में जोरदार प्रदर्शन किया। विपक्षी सांसदों का कहना है कि बजट के जरिए मोदी सरकार ने राज्यों के साथ भेदभाव किया है। कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और राज्यसभा के विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे की अगुवाई में संसद के मुख्य द्वार पर इंडिया गठबंधन के घटक दलों के सांसदों ने राज्यों के साथ भेदभाव वाले प्ले कार्ड लेकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। इस विरोध प्रदर्शन में सोनिया गांधी, अखिलेश यादव, कल्याण बनर्जी समेत सभी घटक दलों के सांसद मौजूद रहे।

बजट के जरिए सहयोगियों की मदद कर रही है सरकार: अखिलेश

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा, "हम सब मांग कर रहे थे कि किसानों को एमएसपी मिले, लेकिन समर्थन मूल्य किसानों को नहीं, बल्कि अपनी सरकार बचाने वाले सहयोगियों को दिया जा रहा है।"

अखिलेश यादव ने कहा कि बिहार और आंध्र प्रदेश को पैकेज मिला हम ये नहीं कहते कि पैकेज नहीं मिलना चाहिए। विकास के लिए पैसा मिले लेकिन दूसरे प्रदेशों के साथ भी भेदभाव ना हो, जो एक्सप्रेसवे आप बिहार को दे रेह हैं उसे अगर यूपी से जोड़ देंगे तो देश का ज्यादा भला होगा। उत्तर प्रदेश के साथ भेदभाव हम स्वीकार नहीं कर सकते हैं। पैकेज 'इंडिया' गठबंधन वाले भी तैयार रखे हैं अगर पैकेज से ही सरकार बननी है तो।'

उन्होंने आगे कहा कि सरकार महंगाई को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठा पाई। उत्तर प्रदेश को कुछ नहीं मिला। डबल इंजन की सरकार से यूपी को दोहरा लाभ मिलना चाहिए था। मुझे लगता है कि लखनऊ के लोगों ने दिल्ली के लोगों को नाराज कर दिया है। इसका नतीजा बजट में दिख रहा है। तो डबल इंजन का क्या फायदा?

बजट के विरोध में विपक्षी सांसदों ने राज्यसभा से वॉकआउट किया

विपक्षी सांसदों ने राज्यसभा से वॉकआउट किया। वहीं लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान केंद्रीय बजट के खिलाफ विपक्षी सांसदों ने नारेबाजी की।

किसानों को मिलने संसद बुलाया था, उन्हें आने नहीं दिया: राहुल गांधी

कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने संसद में कहा, 'हमने उन्हें (किसान नेताओं को) यहां मिलने के लिए आमंत्रित किया था। लेकिन वे उन्हें यहां (संसद में) नहीं आने दे रहे हैं। क्योंकि वे किसान हैं, शायद यही कारण है कि वे उन्हें अंदर नहीं आने दे रहे हैं।'

बजट में यूपी का नाम तक नहीं लिया गया: रामगोपाल यादव

समाजवादी पार्टी के सांसद रामगोपाल यादव ने कहा, "उत्तर प्रदेश को कुछ देने की बात तो दूर, (बजट में) इसका नाम तक नहीं लिया गया। सरकार बचाने के लिए वे कुछ राज्यों को पैसा दे रहे हैं और दूसरों को नजरअंदाज कर रहे हैं।"

राघव चड्ढा बोले- जिन राज्यों ने भाजपा को अभूतपूर्व समर्थन दिया, उन्हें क्या मिला?

आप सांसद राघव चड्ढा ने कहा, 'ये कमाल का बजट इजात किया गया है जिसमें लगभग इस देश का हर वर्ग निराश हुआ है मात्र 2 व्यक्तियों को छोड़ कर नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू। मैं पूछना चाहता हूं कि वो राज्य जिन्होंने अभूतपूर्व समर्थन भाजपा को दिया और अपने राज्य की लगभग सारी सीट दे दी उन राज्यों को इस बजट में क्या मिला? जिन राज्यों ने भाजपा को इतना समर्थन नहीं दिया, या जिन राज्यों के समर्थन से सरकार मुश्किल से चल पा रही है उन पर सब कुछ लुटा दिया गया। इससे सार मिलता है कि जो राज्य भाजपा को कम वोट देता है उसे ज्यादा दिया जाएगा तो आगे के लिए सीख ले लीजिए।'

सीएम स्टालिन ने आम बजट पर जताई नाराजगी

आम बजट पर तमिलनाडु के सीएम एम के स्टालिन ने कल पेश किए गए केंद्र सरकार के बजट को गठबंधन के लिए समझौता बताया है। उन्होंने कहा है कि इस बजट में तमिलनाडु की अनदेखी की गई है और राज्य के साथ विश्वासघात हुआ है। साथ ही उन्होंने जानकारी दी कि 27 जुलाई को होने वाली नीति आयोग की बैठक में वो शामिल नहीं होंगे।

 

बीजेपी सरकार को बचाने पर ध्यान: रणदीप सिंह सुरजेवाला

कांग्रेस सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा है, ''यह 'कुर्सी बचाओ बजट', 'सत्ता बचाओ बजट', 'बदला लो बजट' है। इस बजट से देश की 90% से ज्यादा जनता अलग-थलग हो गई है. मोदी सरकार का ध्यान केवल बीजेपी सरकार को बचाने पर है।”

विपक्ष शासित राज्यों को किया गया इग्नोर- प्रियंका चतुर्वेदी

इंडिया गठबंधन के सांसदों के प्रदर्शन को लेकर शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, "ये विरोध बजट में भेदभाव के खिलाफ है। सभी विपक्ष शासित राज्यों को नजरअंदाज कर दिया गया है। हमने कल बजट में 'पीएम महाराष्ट्र विरोधी योजना' देखी. महाराष्ट्र सबसे ज्यादा टैक्स देने वाला राज्य है, फिर भी हमें बदले में अपना हिस्सा नहीं मिलता।"

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