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नई दिल्ली: सरकार ने मंगलवार को 2024-25 में रक्षा व्यय के लिए 6,21,940 करोड़ रुपये आवंटित किए, जो पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ जारी सीमा विवाद के साथ-साथ रणनीतिक जलमार्गों में उभरती सुरक्षा स्थिति को लेकर चिंताओं के बीच अंतरिम बजट में आवंटित की गई राशि के लगभग बराबर ही है। फरवरी में पेश अंतरिम बजट में रक्षा क्षेत्र के लिए कुल आवंटन 6,21,540 करोड़ रुपये था।

सरकार ने मंगलवार को 2024-25 के लिए रक्षा बजट के लिए 6,21,940 करोड़ रुपये आवंटित किए, जो पिछले साल के 5.94 लाख करोड़ रुपये से ज़्यादा है। पूंजीगत व्यय 1,72,000 करोड़ रुपये निर्धारित किया गया है। रक्षा क्षेत्र को कुल आवंटन वित्त वर्ष 2024-25 के लिए भारत सरकार के कुल बजट का 12.9% है।

रक्षा मंत्रालय के अनुसार, पूंजीगत खर्च में इस विशेष कोटे का उद्देश्य देश में रक्षा उद्योग को बढ़ावा देना है। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने रक्षा बजट आवंटन में बढ़ोतरी पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि पूंजीगत व्यय तीनों सैन्य बलों की क्षमताओं को और मजबूत करेगा तथा रक्षा क्षेत्र में 'आत्म निर्भर भारत' को और गति मिलेगी।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि घरेलू पूंजी खरीद के लिए 1,05,518 करोड़ रुपये का आवंटन रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को और बढ़ावा देगा। उन्होंने कहा, "मुझे खुशी है कि सीमा सड़कों को पूंजीगत मद में पिछले बजट की तुलना में 30% अधिक आवंटन दिया गया है। बीआरओ को 6,500 करोड़ रुपये का यह आवंटन हमारे सीमावर्ती बुनियादी ढांचे को और गति देगा।"

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