नई दिल्ली: मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए हुई नीट-यूजी परीक्षा में कथित गड़बड़ियों को लेकर दायर याचिकाओं पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान नीट के फिजिक्स पेपर क्वेश्चन नंबर 29 को लेकर डाली गई याचिका पर भी कोर्ट में जमकर बहस हुई। फिजिक्स वाले पेपर के क्वेश्चन नंबर 29 के 2 ऑप्शन दिए गए थे। ये दोनों ऑप्शन ही सही थे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "इस क्वेश्चन के लिए 44 छात्रों को ग्रेस मार्क्स दिए गए। इससे 4.2 लाख छात्रों को नुकसान हुआ है। लिहाजा इस सवाल पर आईआईटी दिल्ली के एक्सपर्ट्स की राय लेनी चाहिए।"
नीट गड़बड़ी के मामले में सुप्रीम कोर्ट में 40 से ज्यादा याचिकाओं पर सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच सुनवाई कर रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि आईआईटी दिल्ली के डायरेक्टर 2 जवाबों वाले सवाल की जांच के लिए एक 3 मेंबर्स की एक्सपर्ट कमेटी बनाएं। एक्सपर्ट टीम उनमें से एक सही ऑप्शन चुनकर मंगलवार 12 बजे तक रजिस्ट्रार को अपनी राय भेजें। इस मामले में अब अगली सुनवाई मंगलवार (30 जुलाई) को होगी।
क्या है वो विवादित सवाल?
नीट के फिजिक्स पेपर में 29वां सवाल ये था- नीचे दो स्टेटमेंट दिए गए हैं।
पहला स्टेटमेंट- परमाणु विद्युत रूप से न्यूट्रल होते हैं, क्योंकि उनमें पॉजिटिव और नेगेटिव चार्ज की संख्या बराबर होती है।
दूसरा स्टेटमेंट- प्रत्येक तत्व के परमाणु स्थिर होते हैं और अपना विशिष्ट स्पेक्ट्रम उत्सर्जित करते हैं।
इस सवाल के जवाब के लिए 2 ऑप्शन दिए गए थे। ऑप्शन 1- पहला स्टेटमेंट सही है, लेकिन दूसरा गलत है। ऑप्शन 2-पहला स्टेटमेंट गलत है और दूसरा सही है।
याचिकाकर्ता ने दिया क्या तर्क?
याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि इस सवाल में दोनों ही स्टेटमेंट सही थे। लेकिन एग्जाम में गलत आंसर के लिए नेगेटिव मार्किंग भी है। इसका नतीजा ये हुआ कि 'गलत' ऑप्शन चुनने वाले 44 छात्रों को 'ग्रेस मार्क्स' दिए गए और उन्हें 720/720 अंक मिले। याचिकाकर्ता ने इस सवाल का जवाब नहीं दिया। मतलब उन्होंने इस सवाल को छोड़ दिया। इसलिए उन्हें 720 में से 711 मार्क्स मिले।
याचिका में कहा गया कि एनटीए ने इस सवाल के दो जवाबों को सही मान लिया और दोनों जवाबों पर 4 अंक दे दिए। इसी के चलते 720 में से 720 अंक पाने वाले छात्र 61 हो गए। इनमें 44 वो थे, जिनको इस व्यवस्था का लाभ मिला। सुनवाई के दौरान सीजेआई चंद्रचूड़ ने हैरानी जताई. उन्होंने कहा कि एनटीए को ऐसा नहीं करना चाहिए था।
छात्रों ने जताई थी आपत्तियां
जब एनटीए ने 'आंसर की' जारी की और कहा कि इस पर विवाद उठाया जा सकता है, तो 13373 छात्रों ने इसके सही जवाब पर विवाद उठाया। उन्होंने एनसीईआरटी की पुरानी किताब में देखा था और उनका जवाब सही है, जबकि उनके जवाब को गलत करार दिया गया है।
इसके बाद बोर्ड का गठन किया गया और बोर्ड ने उनके जवाब को भी सही ठहरा दिया। इस तरह इन छात्रों को भी सही जवाब के लिए 4 अंक दे दिए गए थे। एनटीए ने माना कि इस सवाल के दोनों जवाब सही माने जाएंगे।
अब दिल्ली आईआईटी बताएगी जवाब
नीट-यूजी 2024 परीक्षा में इसी सवाल का सटीक जवाब देश की सबसे बड़ी अदालत खोज रही है। सुप्रीम कोर्ट के सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्र की बेंच ने आईआईटी दिल्ली को इस सवाल का सही जवाब खोजने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट के सेकेट्ररी जनरल को कहा गया है कि वो आज ही इस आदेश को आईआईटी दिल्ली के डायरेक्टर तक पहुंचाएं।
सीजेआई ने मांगा रीटेस्ट के पक्ष में तर्क का रिटेन सबमिशन
इसके अलावा, सीजेआई ने याचिकाकर्ताओं से आधे पेज में नीट-यूजी रीटेस्ट के पक्ष में तर्क का रिटेन सबमिशन ई-मेल करने को कहा है। सुनवाई के दौरान एनटीए ने माना कि 3300 से ज्यादा छात्रों को गलत पेपर दिया गया था। इन्हें एसबीआई की जगह केनरा बैंक का पेपर बांटा गया था।
सीजेआई ने कहा, "आरोपियों के बयान अलग-अलग हैं। अगर पेपर लीक (4 मई) की रात को हुआ है, तो जाहिर है कि लीक ट्रांसपोर्टेशन के दौरान नहीं, बल्कि स्ट्रॉन्ग रूम वॉल्ट से पहले हुआ था।"
क्या है विवाद?
नीट-यूजी 2024 की परीक्षा 5 मई को हुई थी। परीक्षा में गड़बड़ी और पेपर लीक के आरोप लगने के बाद अलग-अलग जगहों पर छात्रों ने प्रदर्शन किए। नीट-यूजी परीक्षा में बहुत ज्यादा नंबर दिए जाने के आरोप लगे हैं। इस वजह से इस साल रिकॉर्ड 67 छात्रों ने परफेक्ट स्कोर के साथ टॉप रैंक हासिल किया है। पिछले साल टॉप रैंक पर मात्र दो छात्र आए थे। ऐसे में छात्रों का आरोप है कि कई छात्र के मार्क्स प्लान के तहत घटाए और बढ़ाए गए हैं। दूसरी ओर, 6 सेंटर में परीक्षा कराने में देरी हुई। समय की बर्बादी की भरपाई के लिए ऐसे सेंटरों में कम से कम 1500 छात्रों को ग्रेस मार्क्स भी दिए गए, जो जांच के दायरे में हैं।
कहां लीक हुए पेपर?
नीट-यूजी में पेपर लीक होने के भी आरोप लगे हैं। बिहार पुलिस की इकोनॉमिक ऑफेंस विंग ने पिछले महीने कहा था कि उसे जांच से पता चला है कि 5 मई के एग्जाम से पहले करीब 35 छात्रों को नीट के पेपर और आंसर मुहैया कराए गए थे। पुलिस ने इस मामले में 13 लोगों को गिरफ्तार किया है।
कहां दिए गए थे ग्रेस मार्क्स?
मेघालय, हरियाणा, छत्तीसगढ़, सूरत और चंडीगढ़ के कम से कम 6 एग्जाम सेंटरों में पेपर समय से नहीं बांटे गए थे। यानि स्टूडेंट्स को एग्जाम के लिए 3 घंटे 20 मिनट नहीं मिले थे। छात्रों ने समय की बर्बादी की शिकायत की थी। जिसके बाद इन सेंटरों में छात्रों को कोर्ट के तैयार फॉर्मूले के आधार पर ग्रेस मार्क्स दिए गए।