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नई दिल्ली: दुनिया के कई देश जहां तेज गर्मी का सामना कर रहे हैं वहीं संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), ओमान और बहरीन में लोग भारी बारिश से परेशान हो गए। ये दुनिया के वो इलाके हैं, जो अपने सूखे रेगिस्तानों, चिलचिलाती गर्मी और चमचमाती इमारतों और वैभवपूर्ण ज़िंदगी र्के लिए जाने जाते हैं। इन देशों का मौसम साल भर लगभग गर्म ही रहता है और गर्मियों में तो बेहद गर्म हो जाता है। जहां आसमान में बादल देखने को आंखें तरस जाती हैं। इन्हीं इलाकों के ऊपर से मंगलवार को काले बादलों का काफ़िला जो निकला, तो इतना पानी अपने साथ लाया कि कुछ ही घंटे में यूएई के शानो शौकत भरे और ऊंची इमारतों वाले शहर दुबई तक को पानी में डुबा गया।

बारिश ने मचाया हाहाकार

तेल की दौलत से बने ईंट कंक्रीट के इस आधुनिक जंगल की सड़कों, गलियों से पानी ऐसे बहने लगा जैसे नदी बहती है। सड़कों पर चल रही बेशकीमती और आधुनिक गाड़ियां पानी में डूबने उतराने लगीं।दुबई में कुछ ही घंटों के अंदर इतना पानी बरस गया, जितना डेढ़ साल में बहता है।

नई दिल्ली: पाकिस्‍तान में आतंकवाद का दोषी करार दिए जाने के बाद सरबजीत सिंह ने लाहौर की कोट लखपत जेल में करीब 22 साल बिताए और फिर 2013 में कैदियों के हमले में उनकी जान चली गई थी। स्‍थानीय मीडिया ने बताया कि आज उनकी मौत के 11 साल बाद हमलावरों में से एक अमीर सरफराज तांबा की अज्ञात बाइक सवारों ने लाहौर में गोली मारकर हत्‍या कर दी। खबरों के मुताबिक तांबा कथित तौर पर लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद का करीबी सहयोगी था।

सरबजीत की पाकिस्‍तान की जेल में कैदियों ने की थी हत्‍या

सरबजीत सिंह अटवाल का जन्म पंजाब के तरनतारन जिले में भारत-पाकिस्तान की सीमा पर भिखीविंड में हुआ था। सरबजीत सिंह और उनकी पत्नी सुखप्रीत कौर की दो बेटियां थीं- स्‍वप्‍नदीप और पूनम कौर। बहन दलबीर कौर ने 1991 से 2013 में सरबजीत सिंह की मौत तक उनकी रिहाई के लिए लगातार कोशिश की।

1990 में लाहौर और फैसलाबाद में सिलसिलेवार बम धमाकों के लिए पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने उन पर मुकदमा चलाया गया था और दोषी ठहराया गया था, जिसमें 14 लोग मारे गए थे।

संयुक्त राष्ट्र: ईरान के संयुक्त राष्ट्र दूत ने रविवार को सुरक्षा परिषद को बताया कि इस्लामी गणतंत्र इज़रायल पर अपने अभूतपूर्व हमले में "आत्मरक्षा के अंतर्निहित अधिकार" का प्रयोग कर रहा था।

इस महीने की शुरुआत में दमिश्क में ईरानी वाणिज्य दूतावास पर इज़रायल के स्पष्ट हमले के बाद अमीर सईद इरावानी ने कहा, "सुरक्षा परिषद... अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखने के अपने कर्तव्य में विफल रही है।"

इसलिए, तेहरान के पास प्रतिक्रिया देने के अलावा "कोई विकल्प नहीं" था। उन्होंने कहा, उनका देश "युद्ध नहीं चाहता है।" लेकिन किसी भी "खतरे या आक्रामकता" का जवाब देगा।

ईरान द्वारा इजरायल पर शनिवार देर रात 80 ड्रोन और मिसाइल से हमला किया था। इस पर त्वरिता से जवाब देते हुए इजरायल ने आयरन डोम रक्षा प्रणाली का इस्तेमाल करते हुए इन्हें नष्ट कर दिया था। इस वजह से इजरायल में हमले के कारण मामलू क्षति हुई।

तेहरान: ईरान ने र विवार को इजरायल से कहा कि वह रात भर हुए अभूतपूर्व हमले को लेकर सैन्य जवाबी कार्रवाई न करे। ईरान ने इजरायल पर हमले को दमिश्क में अपने वाणिज्य दूतावास भवन पर हुए घातक हमले की उचित प्रतिक्रिया के रूप में प्रस्तुत किया है। संयुक्त राष्ट्र में ईरान के मिशन ने शनिवार देर रात ऑपरेशन शुरू होने के कुछ ही घंटों बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "मामले को समाप्त माना जा सकता है।" साथ ही ईरानी मिशन ने चेतावनी दी, "हालांकि, अगर इजरायली शासन ने एक और गलती की, तो ईरान की प्रतिक्रिया काफी गंभीर होगी।"

ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी ने रविवार को तेहरान के ड्रोन और मिसाइल हमले के बाद इजरायल और उसके सहयोगियों को किसी भी "लापरवाह" कार्रवाई के खिलाफ चेतावनी दी। रायसी ने एक बयान में कहा, "अगर इजरायली शासन या उसके समर्थक लापरवाह व्यवहार प्रदर्शित करते हैं, तो उन्हें करारी और बहुत कड़ी प्रतिक्रिया मिलेगी।"

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