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नई दिल्ली: आंध्र प्रदेश की नई राजधानी अमरावती कैपिटल सिटी परियोजना को बड़ा झटका लगा है। विश्व बैंक अब अमरावती कैपिटल सिटी परियोजना के लिए फंड नहीं देगा। विश्व बैंक ने आंध्र प्रदेश की राजधानी ‘अमरावती कैपिटल सिटी परियोजना’ के लिए 300 मिलियन डॉलर के कर्ज़ देने के फैसले को रद्द कर दिया है। वर्ल्ड बैंक ने यह फैसला नागरिक समाज समूहों (सिविल सोसाइटी) से शिकायतें मिलने के बाद किया है, जिसमें कहा गया गया था कि इस परियोजना में हजारों लोग विस्थापित हो गए थे और सरकार ने जबरन खेती की जमीनों का अधिग्रहण किया था।

मीडिया रिर्पोटर के मुताबिक, विश्व बैंक ने आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की महत्वाकांक्षी परियोजना अमरावती सस्टेनेबल कैपिटल सिटी डेवलपमेंट प्रोजेक्ट को फंड नहीं देने का फैसला किया है। हालांकि, विश्व बैंक ने इसका अपनी वेबसाइट पर कोई वाजिब कारण नहीं बताया है, हालाकि, इस प्रोजेक्ट की स्थिति ड्रॉप्ड दिख रही है। बता दें कि पिछले कई वर्षों से सिविल सोसाइटी और जनांदोलन प्रतिनिधियों से प्राप्त शिकायत के बाद विश्व बैंक ने यह फैसला लिया है।

अमरावती: आंध्र प्रदेश सरकार ने कृष्णा नदी की तलहटी पर बने अवैध बंगले को हटाने के लिए शुक्रवार को नोटिस जारी किया। यह बंगला पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने पट्टे पर ले रखा था। आंध्र प्रदेश राजधानी क्षेत्र विकास प्राधिकरण ने नोटिस बंगले की दीवार पर चिपका दिया क्योंकि इसके मालिक लिंगमनेनी रमेश वहां नहीं थे। प्राधिकरण के नोटिस में कहा गया है कि कृष्णा नदी की तलहटी पर छह एकड़ में फैले इस बंगले के निर्माण में कानूनी अनुमति नहीं ली गई और यह नियम-कानून का पूरी तरह उल्लंघन है।

अधिकारियों ने बुधवार को बंगले से लगे एक सम्मेलन कक्ष ‘प्रजा वेदिका’ को तोड़ना शुरू किया था। इस कक्ष को नायडू के मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान सरकारी सम्मेलनों के लिये 8.90 करोड़ रुपये की लागत से बनवाया गया था क्योंकि राज्य की नई राजधानी में इसके लिए कोई अन्य सुविधा नहीं थी। इस बीच तेदेपा ने नायडू के बंगले के मालिक रमेश को जारी किए गए नोटिस को लेकर आश्चर्य जताया। तेदेपा के पोलित ब्यूरो सदस्य और आंध्र प्रदेश विधान परिषद में विपक्ष के नेता यानमाला रामकृष्णुडु ने एक बयान में कहा, ‘यह बदले की कार्रवाई है।

अमरावती: आंध्र प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को पूर्व सांसद और वाईएसआर कांग्रेस के नेता वाईवी सुब्बा रेड्डी को तिरुमाला तिरुपति देवासम ट्रस्ट बोर्ड (टीटीडी) का नया अध्यक्ष नियुक्त किया है। अब सुब्बा रेड्डी भगवान वेंकटेश्वरा तिरुमला के मंदिर के प्रशासक होंगे। विशेष मुख्य सचिव मनमोहन सिंह ने आदेश जारी करते हुए कहा है कि बोर्ड के अन्य सदस्यों की नियुक्ति जल्द ही की जाएगी। सुब्बा रेड्डी राज्य के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी के करीबी हैं। वो अपना पद शनिवार को संभालेंगे। वहीं गुरुवार को तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) के नेता पुट्टा सुधाकर यादव ने टीटीडी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि शुरु में राज्य सरकार के बदल जाने पर भी यादव इस पद पर बने रहने के लिए अड़े हुए थे।

बता दें इस बोर्ड का अध्यक्ष बनना काफी प्रतिष्ठा की बात मानी जाती है। सुब्बा रेड्डी की पार्टी में एक अच्छे नेता के रूप में पहचान है। इसी वजह से उन्हें अध्यक्ष नियुक्त करने का फैसला लिया गया है। हाल ही में हुए लोकसभा और विधानसभा चुनाव के बाद से टीटीडी के दस सदस्य स्वेच्छा से अपने पद से हट गए थे, जबकि कुछ पद पर बने रहे।

अमरावती: तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने सोमवार को आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी से मुलाकात कर 21 जून को कलेश्वरम सिंचाई परियोजना के उद्घाटन समारोह में शिरकत करने के लिए न्योता दिया । जगन ने चंद्रशेखर राव (केसीआर के नाम से लोकप्रिय) को भोज दिया । जगन के 30 मई को आंध्र प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद यह दूसरा मौका है जब उन्होंने केसीआर को भोज दिया है।

केसीआर के साथ उनके बेटे के टी रामा राव, पूर्व सांसद बी विनोद कुमार और पार्टी नेता संतोष तथा पी राजेश्वर रेड्डी मौजूद थे। जगन से मुलाकात के बाद केसीआर कनक दुर्गा मंदिर गए और वहां पूजा अर्चना की । इसके अलावा उन्होंने परियोजना का निमंत्रण पत्र देवी के चरणों में भी अर्पित किया।

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