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अमरावती: तीन राजधानी के प्रस्ताव पर आंध्र प्रदेश विधानसभा के विशेष सत्र से पहले तेदेपा प्रमुख एन. चंद्रबाबू नायडू ने रविवार को मुख्यमंत्री वाई. एस. जगनमोहन रेड्डी से अपील की कि राज्य की राजधानी को अमरावती से नहीं हटाएं। उन्होंने चेतावनी दी कि इससे करीब 50 हजार करोड़ रुपये का निवेश वापस हो जाएगा और किसानों को भी कष्ट उठाना पड़ेगा। अपने कार्यकाल के दौरान अमरावती को राजधानी बनाए जाने में किसी भी तरह की ''अनियमितताओं से इंकार करते हुए नायडू ने कहा कि अमरावती में उनका कोई ''निहित स्वार्थ नहीं था।

उन्होंने कहा कि पार्टी राज्य को होने वाले किसी अन्य क्षति को नियंत्रित करने के लिए लड़ रही है। उन्होंने आरोप लगाए कि आंध्र प्रदेश विनाश की राह पर है। नायडू ने कहा कि वर्तमान सरकार ने अगर समझौतों का सम्मान नहीं किया तो इससे राज्य की छवि खराब होगी और भविष्य के निवेश के लिए निवेशकों का विश्वास खत्म हो जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य पहले ही ऋणग्रस्त है।

अमरावती: आंध्र प्रदेश की राजधानी को अमरावती की जगह विशाखापट्टनम में शिफ्ट करने वाले प्रपोजल के खिलाफ किसान सड़क पर उतर गए हैं। शनिवार को किसानों ने राजधानी अमरावती को पूरी तरह से बंद करा दिया। इस दौरान विरोध कर रहे किसान, महिला प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पुलिस के कथित व्यवहार से भी नाराज दिखे और पूरे शहर को बंद कर दिया। किसानों के विरोध को देखते हुए अमरावती में शैक्षणिक संस्थानों, बैंकों और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों को अपने अपना शटर डाउन करने के लिए मजबूर होना पड़ा। 

वहीं वेलागापुडी में छुट्टी के कारण राज्य सचिवालय बंद रहा। ज्वाइंट एक्शन कमेटी (जेएसी) के नेतृत्व में अमरावती के तहत आने वाले 29 गांवों में हजारों किसानों ने सड़कों पर जाम लगाकर धरना दिए। यहां तक प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड्स लगाकर पुलिस कर्मियों को गांवों में प्रवेश करने से रोक दिया। यहां तक की जेएसी ने दुकानदारों को साफतौर पर कह दिया है कि वो अपने शॉप के सामने या फिर फुटपाथों पर पुलिस को न बैठने दें। मंडदम में, किसानों ने आंदोलनकारी महिलाओं के खिलाफ कथित लाठीचार्ज के विरोध में पुलिस वाहन को गांव से गुजरने देने से इनकार कर दिया।

हैदराबाद: वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। सीबीआई कोर्ट ने शुक्रवार को वाईएस जगन मोहन रेड्डी को उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में 10 जनवरी को व्यक्तिगत रूप से अदालत में उपस्थित होने का निर्देश दिया है। ऐसे में अगर जगन मोहन रेड्डी कोर्ट के निर्देश का पालन करते हैं तो यह पहला मौका होगा जब वो मुख्यमंत्री बनने के बाद व्यक्तिगत रूप से पहली बार कोर्ट में पेश होंगे।

बता दें कि इससे पहले रेड्डी की ओर से एक याचिका दायर कर अदालत में उपस्थित होने से छूट की मांग की गई थी। जिसमें उन्होंने हर शुक्रवार को अदालत में उपस्थित होने में खुद को सक्षम नहीं बताया था। वहीं इस पर वाईएसआरसी नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री सीबीआई अदालत के आदेश को राज्य के उच्च न्यायलय में चुनौती दे सकते हैं। दूसरी ओर से रेड्डी की ओर से दायर याचिका पर सीबीआई ने कहा कि संपत्ति मामले में सीएम को व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट नहीं दी जाए। एजेंसी ने याचिका पर असंतोष व्यक्त किया।

नई दिल्ली: किसानों के विरोध प्रदर्शनों के बीच आंध्र प्रदेश की जगन मोहन रेड्डी सरकार ने शुक्रवार को राज्य की प्रशासकीय राजधानी अमरावती से विशाखापत्तनम किए जाने के फैसले को टाल दिया। कैबिनेट ने इसको लेकर एक उच्चस्तरीय समिति का गठन करने का भी निर्णय लिया है। कैबिनेट ने सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी जी एन राव की अध्यक्षता वाली छह सदस्यीय विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट को मंजूरी दे दी, जिसमें तीन राजधानियों के गठन की सिफारिश की गई थी।

मंत्रिमंडल की बैठक के बाद पत्रकारों को जानकारी देते हुए सूचना और जनसंपर्क मंत्री पर्नी वेंकटरामैया ने कहा कि सरकार ने तीन राजधानियों को लेकर एक निजी कंसल्टेंसी फर्म- बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (बीसीजी) को रिपोर्ट बनाने को कहा है। बीसीजी के जनवरी के पहले सप्ताह तक रिपोर्ट सौंपने की उम्मीद है। उसके बाद राज्य सरकार दोनों रिपोर्टों का अध्ययन करने के लिए एक उच्चस्तरीय समिति का गठन करेगी और अंतिम फैसला लिया जाएगा।

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