लखनऊ: बसपा में मायावती के करीबी रहे नेताओं का भाजपा में शामिल होने का सिलसिला बदस्तूर जारी है। पहले स्वामी प्रसाद, जुगल किशोर और अब उनके खास अंगरक्षक रहे पूर्व डीएसपी पदम सिंह भी बुधवार को भाजपा में शामिल हो गए। पदम सिंह कभी मायावती के सबसे विश्वस्त अधिकारी माने जाते थे। वैसे सियासी दलों में बड़े नेताओं के अंगरक्षकों के शामिल होने फिर उनके सांसद या विधायक होने की परंपरा भी पुरानी है। पदम सिंह आगरा के रहने वाले हैं और जाटव जाति से होने के कारण उनका भाजपा में शामिल होना खासा महत्वपूर्ण माना जा रहा है। वैसे तो पदम सिंह सब-इंस्पेक्टर थे और 1987 में कानपुर में एयरपोर्ट की सुरक्षा में तैनात रहे। इसी तैनाती के दौरान वह सियासी नेताओं के करीबी होते चले गए। वह एनडी तिवारी की सुरक्षा के अलावा भाजपा के मुख्यमंत्री रहे कल्याण सिंह और बाद में मुलायम सिंह यादव की सुरक्षा में भी तैनात रहे। 3 जून 1995 में हुए गेस्ट हाउस कांड के बाद जब मायावती मुख्यमंत्री बनीं तो उन्हें उनकी सुरक्षा में लगाया गया। जाटव होने के कारण वह मायावती के भी करीबी हो गए। बसपा सरकार में वह डीएसपी रहते हुए मायावती की जूती पोछने पर विवादों में रहे थे। उन्होंने कहा कि बसपा में तो अब सतीश मिश्र ही सब कुछ हैं। पदम सिंह के अलावा पूर्व मंत्री धर्म सिंह सैनी समेत बसपा के कई नेताओं ने बुधवार को रमाबाई अंबेडकर मैदान के मंच से भाजपा में शामिल होने का ऐलान कर दिया। बसपा सरकार में मंत्री रहे सहारनपुर के सैनी के साथ बुंदेलखंड के ललितपुर से बसपा विधायक रमेश कुशवाहा भाजपा में शामिल हो गए।
इन सभी नेताओं के पार्टी में शामिल होने की घोषणा स्वामी प्रसाद मौर्य ने की।