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लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने सपा और बसपा पर जोरदार हमला बोलते हुए आज कहा कि दोनों ही पार्टियों ने इतना भ्रष्टाचार किया कि उनके नेताओं के घर भर गये और जनता के हाथ कुछ नहीं आया। बसपा का दामन छोड़कर भाजपा में शामिल होने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा लोकतांत्रिक बहुजन मंच के बैनर तले आयोजित रैली में शाह ने कहा, ‘15 साल से उत्तर प्रदेश की जनता सपा और बसपा इसी में उलझी हुई है और जनता बेचारी जहां थी, वहीं रह गयी। दोनों पार्टियों (सपा-बसपा) के नेताओं के घर भर गये और जनता के हाथ कुछ नहीं आया।’ गायत्री प्रजापति को लेकर सपा तथा मायावती के शासनकाल में ताज कारिडोर सहित विभिन्न घोटालों को लेकर बसपा पर भ्रष्टाचार के आरोप मढ़ते हुए शाह ने कहा कि गायत्री प्रजापति को मंत्रिपरिषद से निकाला और वापस ले लिया। उन्होंने कहा, ‘मैं अखिलेश को पूछना चाहता हूं कि आपने गायत्री प्रजापति को क्यों निकाला था? निकालते वक्त तो कहा था कि वह भ्रष्टाचार कर रहे हैं इसलिए निकाल रहे हैं। एक ही सप्ताह में वापस ले लिया तो क्या वह भ्रष्टाचारी नहीं हैं? खनन के मामले में उत्तर प्रदेश में जो भ्रष्टाचार हुआ है, यदि ना होता तो प्रदेश के हर घर में एक एक कलर टीवी पहुंच जाता।’ शाह बोले, ‘बहन जी (मायावती) आपको जनता ने पूर्ण बहुमत दिया था। आपने क्या किया? एनआरएचएम घोटाला किया, नोएडा प्लाट आवंटन घोटाला, ताज कारिडोर घोटाला, सिक्योरिटी नंबर प्लेट घोटाला, पुलिस भर्ती घोटाला। 40 हजार करोड़ रूपये का घोटाला करने के बाद मायावती कहती हैं कि वह उत्तर प्रदेश के पिछड़े और दलित लोगों का भला करेंगी।’ शाह यहीं नहीं रूके। उन्होंने मायावती के दिल्ली स्थित बंगलों का उल्लेख करते हुए कहा कि मायावती के जितने बंगले दिल्ली में हैं, अगर वह उनकी कीमत की रकम दलितों में बांट देतीं तो हर दलित के घर में एयरकंडीशन लग गया होता।

उन्होंने कहा कि मायावती कहती हैं कि वह उत्तर प्रदेश को सुधारेंगी, वह दलितों की बात करती हैं। वर्ष 2008 से 2011 में मायावती के शासनकाल में 1074 दलितों की राज्य में हत्या हुई थी। ‘बहन जी, दलित का वोट मांगने से पहले इन दलितों की हत्या का हिसाब दलित समाज को आपको देना होगा।’ भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि सपा और बसपा दोनों ही पिछड़ों और दलितों का भला नहीं कर सकते। मायावती दलितों का शोषण करती है तो सपा उत्पीड़न करती है। भाजपा ‘सबका साथ सबका विकास’ के माध्यम से सबको आगे ले जाने का काम करती है। उन्होंने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने बड़े उचित समय पर बसपा का दामन छोडकर भाजपा का दामन पकड़ा है। ‘मुझे मालूम है कि स्वामी प्रसाद मौर्य का भाजपा में आना बसपा के ताबूत में अंतिम कील के समान है। यहां से बसपा की राजनीति समाप्त होती है।’ शाह ने कहा कि सपा सरकार को समय ही नहीं है कि उत्तर प्रदेश के दलित के घर पीने का पानी पहुंचा या नहीं, बिजली पहुंची, स्वास्थ्य सेवाएं पहुंची, रोजगार पहुंचा, शिक्षा पहुंची या नहीं। उसके पास कोई समय नहीं है। बसपा और सपा एक ही चीज में उलझे हुए हैं कि जो लूट का माल है, उसमें से किसके हिस्से में कितना आये। सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव के परिवार की अंदरूनी कलह पर कटाक्ष करते हुए शाह ने कहा कि उत्तर प्रदेश की जनता दस दिन से महाभारत से भी बड़ी लडाई यादव परिवार की देख रही है। कभी चाचा भतीजे के लोगों को निकाल देता है तो कभी भतीजा चाचा के लोगों को। कहीं से अमर सिंह भी आकर ‘नारद’ की भूमिका निभा देते हैं। उन्होंने कहा कि पिछले 15 साल में उत्तर प्रदेश में कोई विकास नहीं हुआ जबकि भाजपा शासित प्रदेशों महाराष्ट्र, गुजरात, छत्तीसगढ, मध्य प्रदेश, जम्मू कश्मीर, झारखंड, राजस्थान जैसे राज्यों ने जबर्दस्त विकास किया। वहां किसानों, गरीबों, दलितों, पिछडों और शोषितों के हितों का पूरा ध्यान रखा गया। शाह के निशाने पर कांग्रेस और उसके उपाध्यक्ष राहुल गांधी भी रहे। उन्होंने कहा, ‘राहुल बाबा रैली लेकर निकले हैं। कहते हैं कि वह किसानों के लिए रैली लेकर निकले हैं। राहुल बाबा 65 साल आपके परिवार का इस देश पर शासन रहा। अगर कांग्रेस पार्टी किसानों की हितैषी होती तो 65 साल बाद देश के किसानों की ये हालत नहीं होती।’ उन्होंने कहा कि राहुल के पुरखों ने ही इस देश पर शासन किया है। किसान की दुर्दशा के लिए कांग्रेस जिम्मेदार है। राहुल को किसान याद आते हैं और वह कहते हैं कि किसानों का भला करेंगे। अगर 65 साल तक प्रयास किया होता तो ये स्थिति ना होती। शाह ने दावा किया कि कांग्रेस उत्तर प्रदेश के राजनीतिक परिदृश्य में कहीं नहीं है। कांग्रेस को ‘यूपी’ की भाषा में कहना है तो ‘वोटकटवा’ पार्टी कहेंगे। सपा-बसपा को जिताने के लिए कांग्रेस चुनाव मैदान में है क्योंकि दस साल तक जब कांग्रेस की केन्द्र में सरकार चली तो वह सपा और बसपा की बैसाखियों के आधार पर चली है। उनके समर्थन से चली है। बारह लाख करोड रूपये का भ्रष्टाचार सपा, बसपा और कांग्रेस की मिलीभगत से हुआ है।’

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