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लखनऊ.: यादव परिवार की जंग थमने का नाम नहीं ले रही है। पार्टी के नए प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव ने अखिलेश के करीबी तीन एमएलसी और चार युवा संगठनों के अध्यक्षों को आज पार्टी से निकाल दिया। उन पर यादव परिवार की जंग के दरमियान मुलायम के खिलाफ बयानबाजी करने का इल्जाम है। निकाले गए कुछ नेताओं ने मुलायम सिंह को अपना नेता मानने से इनकार कर दिया है, तो कुछ ने शिवपाल को। पार्टी से निकाले गए युवा नेता अपने समर्थकों के साथ ''यह जवानी है कुर्बान, अखिलेश भैया तेरे नाम'' के नारे लगा रहे हैं। निकाले गए नौजवान बगावत के मूड में हैं। कुछ ऐसे हैं जो मुलायम सिंह को ही नेता मानने से इनकार कर रहे हैं। समाजवादी युवजन सभा के प्रदेश अध्यक्ष कहते हैं ''नेता एक बार चुना जाता है। हम नौजवानों के नेता अखिलेश यादव हैं और रहेंगे। मुलायम सिंह हमारे नहीं अखिलेश भैया के नेता हैं।'' मुलायम सड़कों पर नारेबाजी करने वाले युवा नेताओं से सख्त नाराज बताए जाते हैं। उनके निर्देश पर अखिलेश के करीबी जिन सात नेताओं को आज पार्टी से बर्खास्त किया गया उनमें तीन एमएलसी सुनील सिंह साजन, आनंद भदौरिया और संजय लाथार के अलावा मुलायम सिंह यूथ ब्रिगेड के प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद ऐबाद, समाजवादी युवजन सभा के प्रदेश अध्यक्ष ब्रिजेश यादव, मुलायम सिंह यूथ ब्रिगेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष गौरव दुबे और समाजवादी छात्र सभा के प्रदेश अध्यक्ष दिग्विजय सिंह शामिल हैं। इन नेताओं की बर्खास्तगी के बाद शिवपाल यादव ने मीडिया से कहा ''समाजवादी पार्टी में जो भी अनुशासनहीनता करेगा और जो भी गलत काम करेगा..अवैध काम करेगा, उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।

किसी भी कीमत पर अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।'' मुलायम सिंह ने शिवपाल यादव को प्रदेश अध्यक्ष बनाया तो पार्टी के युवा संगठन उसके खिलाफ सड़कों पर उतर आए। वे शिवपाल यादव को हटाकर अखिलेश यादव को अध्यक्ष बनाने की मांग कर रहे थे। समाजवादी लोहिया वाहिनी के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप तिवारी ने मुलायम के नाम अपने खत में लिखा है कि ''जिस दिन से शिवपाल यादव प्रदेश अध्यक्ष बने हैं, पूरे प्रदेश के नौजवान घुटन महसूस कर रहे हैं. और आज नौजवानों के ऊपर हुई कार्रवाई अखिलेश यादव के भविष्य पर बड़ा हमला है।'' प्रदीप तिवारी अखिलेश यादव के अलावा किसी को नेता मानने को तैयार भी नहीं हैं। वे कहते हैं ''हम नौजवानों के साथ यह बहुत बड़ी साजिश है। हम नौजवान अपना नेता सिर्फ और सिर्फ अखिलेश यादव जी को मानते हैं. उनके नेतृत्व में काम करेंगे।'' यह नए दौर का समाजवाद है, जो समाज प्रधान नहीं...व्यक्ति प्रधान है। कुछ मुलायम के आदमी हैं...कुछ शिवपाल के और कुछ अखिलेश के और इस पार्टी के इतिहास में पहली बार हो रहा है जब कुछ नौजवान कह रहे हैं कि उनके नेता मुलायम नहीं अखिलेश यादव हैं... मुलायम सिंह अखिलेश के नेता हैं।

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