लखनऊ: मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पिछले कई दिनों से जारी खींचतान के बाद अपने चाचा शिवपाल सिंह यादव से मुलाकात करके उन्हें सपा का नया प्रान्तीय अध्यक्ष बनाये जाने की बधाई दी और अपनी तरफ से पूरे सहयोग का आश्वासन दिया।अखिलेश ने अपने समर्थकों से कहा कि वह शिवपाल को पार्टी प्रदेश अध्यक्ष बनाने के नेताजी (मुलायम सिंह यादव) के निर्णय के खिलाफ अपना आंदोलन बंद करें और चुनाव की तैयारियों में जुटें। अखिलेश ने शिवपाल से उनके घर जाकर मुलाकात करने के बाद अपने आवास पर संवाददाता सम्मेलन में कहा ‘मैं अभी खुद प्रदेश अध्यक्ष (शिवपाल) को बधाई देकर आया हूं। हम आगामी विधानसभा चुनाव में बूथ स्तर तक जीतने के लिये काम करेंगे। मेरी तरफ से उन्हें पूरा सहयोग मिलेगा।’ उन्होंने खुद को हटाकर शिवपाल को सपा प्रदेश अध्यक्ष बनाये जाने के खिलाफ पार्टी मुख्यालय पर कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन के बारे में कहा ‘मैं नौजवानों से अपील करता हूं कि वे किसी तरह की नारेबाजी और प्रदर्शन ना करें। होर्डिग, पोस्टर जैसा कोई काम नहीं करना है। जब चुनाव आ गया है तो सभी साथियों को अपने बूथ पर जाकर सपा सरकार के कार्यक्रमों को जनता तक पहुंचाना है।’ अखिलेश ने एक सवाल पर कहा कि वह क्रिकेट, फुटबाल समेत कई खेलों के अच्छे खिलाड़ी रहे हैं और वह ‘सेल्फ गोल’ कभी नहीं करते।शिवपाल के घर चाय पीने गये अखिलेश ने दावा किया कि आगामी विधानसभा चुनाव में सपा को वर्ष 2012 में हुए चुनाव के मुकाबले ज्यादा सीटें मिलेंगी।
समाजवादी लोग नम्बर एक पर हैं। इस पर बात हो सकती है कि सीटें कितनी आएंगी। नाराज अखिलेश समर्थकों ने सपा मुखिया के खिलाफ भी नारेबाजी की। इस दौरान, कार्यकर्ताओं के बीच हल्की धक्का-मुक्की भी हुई। करीब तीन घंटे तक सपा राज्य मुख्यालय से लेकर सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव के आवास के सामने सड़क पर परस्पर विरोधी समर्थकों का कब्जा रहा। इस दौरान पुलिस को उन्हें सम्भालने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। सपा के चारों युवा संगठनों सपा छात्रसभा, लोहिया वाहिनी, युवजन सभा और यूथ ब्रिगेड के कार्यकर्ताओं ने सपा मुख्यालय के सामने शिवपाल को हटाकर अखिलेश को पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद पर वापस लाने की मांग करते हुए नारेबाजी की। सपा मुख्यालय के सामने से हटाये जाने के बाद बड़ी संख्या में मुख्यमंत्री अखिलेश के समर्थक उनके सरकारी आवास पर पहुंच गये। मुख्यमंत्री ने उन्हें अंदर बुलाकर कहा कि शिवपाल को प्रदेश अध्यक्ष बनाना नेताजी का फैसला है। इसके खिलाफ यह आंदोलन खत्म होना चाहिये। पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष ना होने से कोई बहुत फर्क नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि वह उनकी भावनाओं का सम्मान करते हैं लेकिन पार्टी में एकता बनाये रखना पहली प्राथमिकता होनी चाहिये। उम्मीद है कि नौजवान इन बातों को समझेंगे और वह पार्टी की यात्रा के साथ प्रदेश में एक बार फिर समाजवादी सरकार बनाएगा। सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव द्वारा कल आगे आकर पार्टी में कोई मतभेद ना होने का दावा किये जाने और मुख्यमंत्री के कल रात शिवपाल से छीने गये सभी विभाग वापस करने के बाद ऐसा लगा था कि पार्टी में उभरे मतभेद फिलहाल समाप्त हो गये हैं, लेकिन दोनों धड़ों के समर्थकों के आज सड़कों पर उतरने से साफ हो गया है कि तल्खी का दौर नया मोड़ ले चुका है। मुलायम सिंह यादव यूथ ब्रिगेड के अध्यक्ष मुहम्मद एबाद ने कहा ‘हमने नेताजी (मुलायम) को अपनी भावनाओं से अवगत करा दिया है। हम :सभी चारों युवा संगठन: अखिलेश जी के सिवा और किसी के साथ काम नहीं कर सकते। अखिलेश जी को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाये जाने से युवा दुखी और हताश हैं, यहां तक कि हम उनके पक्ष में आत्मदाह भी कर सकते हैं।’ पूर्व में, सपा के युवा संगठनों के अध्यक्ष रह चुके विधान परिषद सदस्य राजपाल कश्यप और आनन्द भदौरिया ने भी अखिलेश के पक्ष में नारेबाजी की।कश्यप ने कहा कि नेताजी कई मौकों पर कह चुके हैं कि युवाओं को पार्टी का नेतृत्व करना चाहिये। हम अखिलेश जी को वापस लाना चाहते हैं। वह युवाओं के निर्विवाद नेता हैं। मालूम हो कि गत 13 सितम्बर को शिवपाल के करीबी माने जाने वाले आईएएस अफसर दीपक सिंघल को हटाये जाने के बाद सपा मुखिया ने अखिलेश को सपा प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाकर उनकी जगह वरिष्ठ काबीना मंत्री शिवपाल को बैठा दिया गया था। इससे नाराज अखिलेश ने शिवपाल से लोकनिर्माण, राजस्व और सहकारिता जैसे महत्वपूर्ण विभाग छीन लिये थे। विवाद बढ़ने के बाद सपा मुखिया ने कल शिवपाल और अखिलेश से मुलाकात की थी। उन्होंने पार्टी मुख्यालय पर कार्यकर्ताओं से कहा था कि परिवार में कोई विवाद नहीं है। उसके बाद देर रात अखिलेश ने शिवपाल को उनसे छीने गये सभी विभाग वापस कर दिये थे।