कानपुर: मेडिकल कालेज के हैलट अस्पताल में पिता के कंधे पर बुखार से पीड़ित बच्चे की मौत के मामले में मेडिकल कालेज प्रशासन ने उस दिन डयूटी पर तैनात पीआरओ को आज सस्पेंड कर दिया है, जबकि कांट्रेक्ट पर रखे गये दो वार्ड ब्वाय हटा दिए गए हैं और उस दिन इमरजेंसी में तैनात डयूटी डाक्टर को हटाने के आदेश जारी कर दिये गये हैं। जीएसवीएम मेडिकल कालेज के प्रिसिंपल डा. नवनीत कुमार ने बताया कि जिलाधिकारी (डीएम) द्वारा गठित कमेटी की जांच रिपोर्ट के आधार पर घटना के दिन डयूटी पर तैनात पीआरओ पल्लवी शुक्ला को सस्पेंड करने का आदेश आज जारी कर दिया गया है । इर्मेजेंसी में डयूटी पर तैनात ईएमओ डा. मयंक को हटाने के लिये शहर के मुख्य चिकित्साधिकारी को लिखा गया है और उन्होंने उसे यहां से डयूटी से हटा दिया है। उन्होंने बताया कि कांट्रैक्ट पर रखे गए दो वार्ड ब्वाय की प्लेसमेंट एजेंसी को पत्र लिख कर उन्हें हटाने को कहा गया था। एजेंसी ने इन्हें हटा दिया है । उल्लेखनीय है कि 28 अगस्त को मरियमपुर चौराहा नजीराबाद के रहने वाले सुनील कुमार 12 साल के अपने बेटे अंश जीएसवीएम मेडिकल कालेज के हैलट अस्पताल की इमरजेंसी वार्ड लेकर आये थे । उनका आरोप है कि अस्पताल के डाक्टरों ने उन्हें एक विभाग से दूसरे विभाग ले जाने को कहा। वह कंधे पर लाद कर बच्चे को एक विभाग से दूसरे विभाग भागते रह। इस बीच, बच्चे की मौत हो गयी।
कुमार ने कहा कि उन्होंने कहा कि अस्पताल में डाक्टरों की कमी के बावजूद बुखार के रोगियों की बढ़ती संख्या को देखते हुये नये इंतजाम किये गये हैं और डाक्टरों को निर्देश दिये गये है कि वे किसी भी तरह की लापरवाही न बरते । इस मामले में मेडिकल कालेज के सीएमएस को घटना की रात को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के आदेश पर सस्पेंड किया जा चुका है। कानपुर के डीएम कौशल राज शर्मा ने बताया कि जांच रिपोर्ट के आधार पर मेडिकल कालेज में कार्रवाई की गयी है। उन्होंने उत्तर प्रदेश शासन को अपनी रिपोर्ट कल शाम भेज दी थी जिसपर अभी कोई जवाब शासन से नही आया है। शासन से जवाब आने के बाद अगर अस्पताल के अन्य कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही जाएगी तो उस पर अमल किया जाएगा।