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नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के मंत्री और वरिष्ठ समाजवादी पार्टी नेता आजम खान का एक और बयान राज्य सरकार के लिए मुसीबत बन गया। बुलंदशहर सामूहिक रेप केस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आजम खान की टिप्पणियों के लिए यूपी सरकार को जोरदार फटकार लगाई। कोर्ट ने इसी के साथ मामले की सीबीआई जांच पर रोक लगा दी है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। सुप्रीम कोर्ट इस मामले में पहले राज्य से बाहर सुनवाई की अपील पर फैसला लेगा।कोर्ट ने कहा, क्या प्रशासनिक स्तर पर बैठा या सरकार के अहम ओहदे पर बैठा व्यक्ति ये कह सकता है कि इस तरह की घटनाएं राजनीतिक साजिश के तहत होती हैं। जबकि घटना से व्यक्ति का कोई लेना-देना ना हो। क्या राज्य सरकार और कानून व्यवस्था को बरकरार रखने की जिम्मेदारी वाला शख्स ऐसे बयानों की अनुमति दे सकता है जिसका असर पीड़िता पर पड़ेगा और वो निष्पक्ष जांच में अपना विश्वास खो देगी। क्या ये संविधान द्वारा दिए गए बोलने के अधिकार की सीमा को पार करना नहीं है।आजम खान के बयान और केस को दिल्ली ट्रांसफर करने की याचिका पर यूपी सरकार को नोटिस दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने तीन हफ्ते में राज्य सरकार से जवाब मांगा है। कोर्ट ने आजम खान के मुद्दे पर वरिष्ठ वकील फली नरीमन को एमिक्स क्यूरी बनाया है।पीड़िता की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है।

पीड़ित मां-बेटी ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई है कि मुकदमे को दिल्ली ट्रांसफर करने के साथ ही अपनी निगरानी में सीबीआई जांच कराए। साथ ही परिवार की सुरक्षा और नाबालिग पीड़िता की शिक्षा आदि का इंतजाम करने की मांग की है। याचिका में कहा गया है कि लापरवाह पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाए। पीड़ितों ने उत्तर प्रदेश के मंत्री आजम खान पर भी सवाल उठाए हैं जिसमें उन्होंने वारदात को राजनीतिक साजिश बताया था।

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