लखनऊ: मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और उनके चाचा शिवपाल यादव के बीच शुक्रवार को कई घंटे चली मीटिंग के बाद रिश्तों में जमी बर्फ कुछ पिघली है। कहते हैं कि मुलायम सिंह यादव ने खुद दोनों से मीटिंग कर झगड़ा निपटाने के लिए कहा था। यह मीटिंग मुख्यमंत्री के सरकारी बंगले में हुई, जहां स्टाफ को जाने की इजाजत नहीं थी। जानकारी की मुताबिक मीटिंग में दोनों ने एक-दूसरे से शिकायतों की फेहरिश्त पेश की। बाद में शिवपाल यादव ने कहा, 'परिवार में कोई झगड़ा नहीं है। रक्षाबंधन के दिन मैं शहर में नहीं था, इसलिए आज परिवार के लोग साथ बैठे और आपस में बातचीत हुई।' उन्होंने कहा कि पार्टी में किसी तरह की अन्तर्कलह नहीं है। बाद में पत्रकारों से कहा कि गड़बड़ी करने वाले, जमीन पर कब्जा करने वालों पर कार्रवाई होनी चाहिए। हमारी पार्टी के लोग हैं तो उन्हें भी निकाला जाना चाहिए। शिवपाल बोले, ‘वह नाराज तो नहीं लेकिन कुछ मामलों को लेकर आहत जरूर थे।’ कहा कि परिवार के लोग त्योहार पर मिलते ही हैं। शिवपाल ने मुख्यमंत्री अखिलेश की तारीफ करते हुए कहा कि वह अच्छा काम रहे हैं और सपा पिछली बार से ज्यादा सीटें जीत कर सरकार बनाएगी। उन्होंने कहा कि अखिलेश मुख्यमंत्री हैं, हम मंत्री हैं, मंत्रिमंडल की सामूहिक जिम्मेदारी होती है। हम लोग मिलकर रास्ता निकालेंगे। कौमी एकता दल के सपा में विलय पर पूछे जाने पर शिवपाल ने कहा कि इस पर फैसला मुलायम सिंह यादव ही करेंगे। इस मामले में पूरा अधिकार नेताजी को है।
असल में कौमी एकता दल का सपा में विलय खारिज होना शिवपाल की नाराजगी की बड़ी वजह माना जा रहा है।