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वाराणसी: कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को तेज बुखार हो जाने के कारण वाराणसी में उनके रोड शो को रोक दिया गया। सोनिया वाराणसी से तत्काल दिल्ली रवाना हो गईं। तबीयत खराब होने की वजह से सोनिया के काशी विश्वनाथ मंदिर जाकर पूजा-अर्चना करने का पहले से तय कार्यक्रम रद्द कर दिया गया। इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर सोनिया गांधी के जल्द स्वास्थ्य होने की कामना की है। सर्किट हाउस से लेकर इंग्लिशिया लाइन तक आठ किलोमीटर लंबा यह रोड शो करीब तीन घंटे तक चला। रोड शो खत्म होने से कुछ देर पहले लहुराबीर चौराहे पर इस कार्यक्रम को कुछ देर के लिए रोकना पड़ा। बाद में रोड शो सोनिया के बगैर ही आगे बढ़ा। सूत्रों ने बताया कि सोनिया ने बेचैनी की शिकायत की थी और कुछ देर आराम करने के बाद वह रोड शो छोड़ कर चली गईं। इससे पहले सोनिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में रोड शो के जरिये शक्ति प्रदर्शन करके कांग्रेस के चुनाव अभियान का आगाज किया। देश के सबसे बड़े राज्य उत्तरप्रदेश में अगले वर्ष चुनाव होने हैं। इस दौरान सोनिया ने एसयूवी पर खड़े होकर हजारों लोगों का अभिवादन स्वीकार किया। करीब 10 हजार बाइक सवार कांग्रेस कार्यकर्ता कांग्रेस अध्यक्ष के कारों के काफिले की अगुवाई कर रहे थे। इस रोड शो के जरिये यह संकेत दिया गया कि पार्टी यूपी को कितनी अहमियत देती है। मंगलवार सुबह सोनिया गांधी का इंतजार करते हुए राज्य के कांग्रेस प्रमुख राज बब्बर ने साफगोई से स्वीकार किया 'हमें यूपी में चमत्कार की जरूरत है।' हालांकि उन्होंने जोड़ा, 'ऐसा पूर्व में भी हो चुका है।

यहां तक कि 2014 हमारे विपक्षियों के लिए चमत्कार की तरह था।हम इस बार अपने लिए चमत्कार की उम्मीद लगाए हैं। कांग्रेस पार्टी इस बार यूपी के चुनाव में अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद लगाए है।इस बार चुनाव के लिए अपनी टीम को सिरे से कसते हुए वह राज बब्बर को राज्य के पार्टी प्रमुख के रूप में लाई है और शीला दीक्षित को अपना सीएम पद का उम्मीदवार घोषित किया है। चुनाव प्रचार अभियान को धार देने के लिए उसने रणनीतिकार प्रशांत किशोर की मदद ली है। कांग्रेस का आरोप है कि वीआईपी संसदीय क्षेत्र होने के बावजूद वाराणसी विकास के मामले में उपेक्षित है। इस बीच, कांग्रेस के रोड शो को लेकर यूपी के भाजपा अध्‍यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने कहा, 'यूपी पहले से ही कांग्रेस मुक्‍त है और कोई रोड शो उनकी मदद नहीं करने वाला.' यूपी के करीब 21 फीसदी वोटर दलित हैं। बीजेपी शासित राज्‍य गुजरात में इस समुदाय के उमड़े गुस्‍से के बाद कांग्रेस इस वर्ग के समर्थन की उम्‍मीद लगा रही है। देश की सियासत के लिहाज से बेहद महत्‍वपूर्ण यूपी चुनाव में भाजपा को अपने परंपरागत वोट बैंक, ब्राह्मण और उच्‍च वर्ग के समर्थन को बरकरार रखने के साथ पिछड़ी जातियों और दलितों के समर्थन को भी अपने पक्ष में करने के लिए पुरजोर प्रयास कर रही है। पीएम मोदी और उनकी सरकार ने दलितों के मसीहा बीआर आंबेडकर की 125वीं जयंती के अवसर पर बड़ा कार्यक्रम करते हुए इस वर्ग के हितैषी के रूप में खुद को पेश किया था. इस वर्ष की शुरुआत में यूपी में अपने चुनाव अभियान की शुरुआत करते हुए पीएम ने दलित वर्ग तक पहुंच बढ़ाने पर खास ध्‍यान रखा था।

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