बुलंदशहर: यहाँ हाईवे पर मां बेटी के साथ गैंगरेप मामले में पुलिस ने 18 संदिग्धों को हिरासत में लिया है। मुख्य संदिग्ध की पहचान का दावा किया जा रहा है। यूपी के प्रधान सचिव (गृह) देबाशीष पांडा और डीजीपी जावेद अहमद घटनास्थल पहुंच गए हैं। बुलंदशहर गैंगरेप पर डीजीपी ने प्रेस कान्फ्रेंस कर कहा है कि तीन लोगों को पीड़ित पक्ष ने पहचान लिया है और इस मामले में पुलिस की लापरवाही सामने आई है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए कड़ी नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने सवाल किया है कि आखिर पुलिस गश्त कहां था। खबरों के अनुसार यूपी के सीएम अखिलेश यादव ने 24 घंटों मे आरोपियों को पकड़ने के पुलिस को निर्देश दिए हैं। डीजीपी जावेद अहमद ने कहा कि हमने घटना स्थल का दौरा किया है और हम पीड़ित के परिवार से भी मिलेंगे। महिला आयोग की सदस्य बुलंदशहर पहुंचीं, उन्होंने वहां पुलिसकर्मियों को फटकार लगाई। कई पुलिस अफसरों पर मोबाइल स्विच आफ करने का भी आरोप लगाया। सीएम ने घटना की जानकारी होते ही तुरंत डीजीपी, प्रमुख सचिव गृह और आला अधिकारियों को तलब किया। घटना की जानकारी लेने के बाद मुख्यमंत्री ने नाराजगी जताते हुए आसपास के दोनों थानेदारों को निलंबित करने के निर्देश दिए। इस बीच, एडीजी लॉएंड आर्डर ने दावा किया है मुख्य संदिग्ध की पहचान हो गई है। जल्दी ही गिरफ्तारी कर ली जाएगी।
डीआईजी लक्ष्मी सिंह ने बताया कि 5-7 किलोमीटर एरिया में पड़ने वाले गांवों के असामाजिक युवकों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। माँ-बेटी के मेडिकल में रेप की पुष्टि हुई है। एक दारोगा को भी ससपेंड किया गया है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को शाम 4 बजे तक दोषियों को गिरफ्तार करने को कहा है । सीएम ने गिरफ्तारी न होने पर एएसपी, एसएसपी व सीओ के निलंबन के भी आदेश दिए हैं। उन्होंने पूछा कि आखिर पुलिस गश्त कहां था। इस बीच एडीजी लॉ एंड आर्डर दलजीत सिंह चौधरी ने दावा किया कि जांच में घटना में कुछ हरियाणा व राजस्थान के क्रिमिनल ट्राइब्स के शामिल होने का संदेह है। मुख्य संदिग्ध की पहचान हो गई है। मेरठ जोन के आईजी सुजीत पांडेय का कहना है कि पुलिस की टीम खुलासे को लगी हुई हैं।घटना का शीघ्र खुलासा होने की उम्मीद है।हाईवे पर गश्त बढाने के निर्देश दिए गए हैं।