मऊ: मायावती पर टिप्पणी कर चर्चा में आए भाजपा के निष्कासित नेता दयाशंकर को शुक्रवार की देर शाम सीजेएम प्रमोद कुमार सिंह के यहां पेश किया गया। जहां से दयाशंकर को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। दयाशंकर ने अंतरिम जमानत भी मांगी थी जिसे अदालत ने खारिज कर दिया। दयाशंकर ने मऊ में ही मायावती पर टिप्पणी की थी लेकिन बसपा की तरफ से लखनऊ के हजरतगंज थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया था। वहां से मुकदमा मऊ ट्रांसफर कर दिया गया था। भाजपा उपाध्यक्ष बनने के बाद अपने गृह जिले बलिया जाते समय 19 जुलाई को दयाशंकर ने मऊ में मायावती पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी थी। अगले ही दिन मामला राज्यसभा में उठा और भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के साथ ही दयाशंकर ने भी माफी मांग ली थी। इसके बाद भी बीजेपी ने दयाशंकर को सभी पदों से हटाते हुए पार्टी से भी निष्कासित कर दिया था। अगले ही दिन बसपा ने लखनऊ में प्रदर्शन किया और दयाशंकर के खिलाफ हजरतगंज थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया। तभी से लगातार दयाशंकर की तलाश हो रही थी। शुक्रवार की दोपहर करीब दो बजे यूपी एसटीएफ ने बक्सर पुलिस के सहयोग से दयाशंकर को बिहार के बक्सर रेलवे स्टेशन के पास चीनी मिल मोहल्ले से गिरफ्तार कर लिया। दयाशंकर यहां किसी रंजीत सिंह के घर छिपे हुए थे। बक्सर से शाम करीब पांच बजे एसटीएफ की टीम पांच गाडि़यों के काफिले के साथ दयाशंकर को लेकर मऊ पुलिसलाइन पहुंची।
यहां डीआईजी धर्मवीर और एसपी शिवहरि मीणा ने दयाशंकर से पूछताछ की। इसके बाद उन्हें पेश करने की तैयारी के साथ कागजात दुरुस्त किये गए। अधिकारियों के आदेश पर जिला अस्पताल से पहुंची डाक्टरों की टीम ने दयाशंकर का मेडिकल परीक्षण किया। इसके बाद सीजेएम के यहां दयाशंकर को पेश कर दिया गया। जहां से न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।