इलाहाबाद (जनादेश ब्यूरो): उत्तर प्रदेश चुनावों के मद्देनजर भाजपा ने सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की कोशिशें तेज़ कर दी हैं। पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने कार्यकारिणी की बैठक में कैराना से हिंदुओं के कथित पलायन का मुद्दा उठाकर सांप्रदायिक रंग दिया, वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संगठन में बदलाव और नई सोच, नए विचारों के साथ आगे आने की जरूरत पर बल दिया। करीब 25 मिनट तक चले पदाधिकारियों के संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा, 'हमें हर हाल में आगे बढ़ना है।' इलाहाबाद में शुरू हुई भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दो दिन की बैठक में अपने अध्यक्षीय भाषण में अमित शाह ने सपा सरकार पर निशाना साधते हुए अगले साल होने वाले उत्तर प्रदेश समेत कुछ राज्यों के विधानसभा चुनावों का जिक्र किया और इसे पार्टी के लिए चुनौतियों का साल बताया। उत्तर प्रदेश में मथुरा से लेकर कैराना की घटनाओं का जिक्र कर शाह ने अखिलेश सरकार पर निशाना साधा। केंद्रीय संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद के मुताबिक पार्टी अध्यक्ष ने कहा कि कैराना में हिंसा के कारण जो पलायन हो रहा है, वो चिंता का विषय है और सपा सरकार स्थिति नियंत्रण नहीं कर पा रही है। हालांकि पार्टी अभी तक ये जवाब नहीं दे पा रही है कि यूपी के लिए उसका चेहरा कौन है। बार-बार ये सवाल पूछा जा रहा है कि क्या राजनाथ सिंह ये चेहरा हो सकते हैं।
इस पर भाजपा यही कहती है कि इस बारे में संसदीय बोर्ड तय करेगा। कभी अयोध्या में राम मंदिर का वादा कर यूपी में भाजपा सत्ता में आई। मगर अमित शाह ने अपने भाषण में इसे जिक्र के लायक भी नहीं समझा। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि राम मंदिर कार्यकारिणी में चर्चा का विषय नहीं है। न ही हमारे लिए चुनाव का विषय है। ये आस्था का विषय है। हमारे घोषणापत्र में कहा गया है कि अदालत के फ़ैसले से या आपसी सहमति से राम मंदिर बनेगा। शाह ने कहा कि इस साल दो निर्णायक घटनाएं हुई हैं। मोदी सरकार के दो साल पूरे हुए। हाल के चुनाव में बीजेपी का प्रदर्शन बहुत अच्छा रहा। असम में पूर्ण बहुमत मिला और उत्तर-पूर्व का दरवाजा खुल गया। उन्होंने कहा कि विकास पर्व के जरिये हम जनादेश का हिसाब दे रहे हैं। ये दो साल की सरकार भ्रष्टाचार विहीन सरकार है। मोदी सरकार निर्णायक सरकार और निर्णय पंगुता विहीन सरकार है। दुनिया में मंदी और दो साल के अकाल के बावजूद देश ने आर्थिक तरक्की की है। बीजेपी अध्यक्ष ने कांग्रेस पर भी हमला किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस क्षीण हो गई है। कांग्रेस के निष्ठावान लोग बाहर जा रहे हैं। ये सिलसिला तेज हो रहा है। पिछले दो साल में कांग्रेस ने विकास के काम में जो बाधा पहुंचाई, उससे उसका महत्व कम हुआ है। बीजेपी का उदय कांग्रेस के क्षीण होने के कारण नहीं है। ये अपनी विचारधारा, कार्यकर्ताओं के समर्पण और नेताओं के आचार व्यवहार से है। अमित शाह ने अगले लोकसभा चुनावों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि हमें एक संकल्प लेना है कि 2019 में हम और अधिक बहुमत से सरकार बनाएंगे।