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नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर भाजपा पार्टी के वरिष्ठ नेता और गृहमंत्री राजनाथ सिंह को मुख्यमंत्री का उम्मीदवार बना सकती है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक उत्‍तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में भाजपा केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह को अपना चेहरा बना सकती है।वहीं राजनाथ सिंह से जब इस बाबत सवाल पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि यूपी में नेताओं की कोई कमी नहीं है। राजनाथ सिंह ने दावा किया कि केंद्र सरकार के कामकाज को देखते हुए यूपी में भाजपा को पूर्ण बहुमत मिलेगा।कहा ये जा रहा है कि राजनाथ सिंह को चेहरा बनाकर बीजेपी मुलायम सिंह और मायावती से टक्‍कर लेने की सोच रही है। राजनाथ सिंह ने उत्तर प्रदेश में भाजपा की तरफ से मुख्यमंत्री पद के लिए कोई चेहरा आगे करके चुनाव लड़ने को लेकर चल रही कयासबाजी के सवाल पर संवाददाताओं से कहा, ‘यूपी में काबिल चेहरों की कोई कमी नहीं है।’ इस जिक्र पर कि पार्टी की तरफ से उनको ही मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में पेश किये जाने की चर्चा है, सिंह ने कहा, ‘यह काल्पनिक प्रश्न है, इसका कोई मतलब नहीं है।’ इलाहाबाद में होने वाली पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक से पहले राजनीतिक हलकों में यह चर्चा जोरों पर है कि राजनाथ सिंह को प्रदेश में चुनाव प्रचार की कमान सौंपी जा सकती है, भले ही उन्हें घोषित तौर पर मुख्यमंत्री के उम्मीदवार के रूप में पेश नहीं किया जाये।

उत्तर प्रदेश में भाजपा की तरफ से मुख्यमंत्री पद के लिए कोई चेहरा पेश करने को लेकर कयासबाजी असम में भाजपा को मिली जीत के बाद जोर पकड़ गयी है, जहां पार्टी ने सर्वानंद सोनोवाल को चुनाव से महीनों पहले मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में पेश कर दिया था। बिहार का भी उदाहरण दिया जा रहा है, जहां पार्टी ने मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार नहीं घोषित किया था और विधानसभा चुनाव हार गयी थी। भाजपा के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि जातिवाद से प्रभावित उत्तर प्रदेश जैसे राज्य में सिंह को चेहरा बनाकर पेश करने से ब्राम्हण मतदाताओं के बिदक जाने की कथित आशंका के मददेनजर पार्टी फूंक फूंक कर कदम उठा रही है। सिंह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं और पार्टी का एक बडा धड़ा उनके अनुभव और कद को देखते हुए उनको मुख्यमंत्री पद के लिए पेश किये जाने के लिए सर्वदा उपयुक्त मानता है। चार सौ तीन सदस्यों वाली मौजूदा विधानसभा में भाजपा 41 सदस्यों के साथ हालांकि तीसरे स्थान पर है, वर्ष 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में इसे लोकसभा की 80 में से 71 सीटों पर जीत मिली थी, जबकि दो सीटे इसकी सहयेागी पार्टी अपना दल को मिली थी।

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