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दादरी (उत्तर प्रदेश): गोमांस खाने के संदेह में भीड़ द्वारा मोहम्मद अखलाक को पीट-पीटकर जान से मरने के नौ महीने बाद आज फिर दादरी स्थित उसके घर के पास रहने वाले सैकड़ों गांव वालों का कहना है कि उन्हें शाम को ही एक महापंचायत आयोजित करनी चाहिए, जिसमें अखलाक के परिजनों के खिलाफ पुलिस में गोहत्या का मामला दर्ज किए जाने की मांग की जाए। उधर, इस महापंचायत के आह्वान को नाकाम करने के लिए पुलिस ने कहा है कि दादरी में हिंसा की किसी संभावित घटना से निपटने के लिए दफा 144 (निषेधाज्ञा) लागू कर दी गई है, जिसके तहत लोगों को इकट्ठा होने की इजाज़त नहीं होती। वहीं कई संगठनों के कार्यकर्ताओं ने आज (सोमवार) दादरी के एसडीएम कार्यालय का घेराव किया। ये लोग अखलाख के परिवार पर गौहत्या का मुकदमा दर्ज करने की मांग कर रहे हैं। तीन दिन पहले बिसाहड़ा गांव के लोगों ने पुलिस को लिखित शिकायत दी है। जिसमें आरोप है कि अखलाख और उसके परिवार के सात सदस्यों ने मिलकर बछड़े की 25 सितम्बर 2015 की शाम हत्या की थी। जिसकी वजह से भीड़ भड़की। गौरक्षा दल, विश्व हिन्दू परिषद और कई संगठनों के लोग प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए दादरी तहसील पहुंचे। प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। आरोप लगाया कि सरकार साम्प्रदायिक तुष्टिकरण की नीति पर चल रही है। इन लोगों ने हाथों में तख्ती और पोस्टर ले रखे थे। जिन अखलाख के परिवार पर गौ हत्या का मुकदमा चलाने की मांग लिखी थी। भीड़ सीधे एसडीएम के कार्यालय पहुंची।

राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा। एसडीएम राजेश सिंह ने इन लोगों को बताया कि ग्रामीणों की शिकायत पर पुलिस जांच कर रही है। जांच के बाद कार्यवाही होगी।

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