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कोट्टायम: केरल के कोट्टायम की एक अदालत ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता पी सी जॉर्ज को नफरती भाषण मामले में सोमवार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया। इससे पहले अदालत ने उन्हें शाम छह बजे तक पुलिस हिरासत में भेजा था। एराट्टुपेट्टा मुंसिफ मजिस्ट्रेट अदालत ने दिन में जॉर्ज की जमानत याचिका खारिज कर दी। पुलिस सूत्रों ने बताया कि जेल भेजे जाने से पहले वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने जॉर्ज से पूछताछ की।

बीजेपी नेता जॉर्ज ने कोर्ट में किया आत्मसमर्पण

पूर्व विधायक जॉर्ज ने सुबह करीब 11.05 बजे एराट्टुपेटा मुंसिफ मजिस्ट्रेट अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया। अपराह्न 12.30 बजे मामले की सुनवाई शुरू हुई, जिसके बाद दोनों पक्षों की ओर से दलीलें सुनी गईं। दलीलें सुनने के बाद अदालत ने मामले की सुनवाई अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

जॉर्ज के वकील ने दलील दी कि उन्होंने धार्मिक नफरत नहीं भड़काई या धार्मिक भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाई, तथा हिरासत में लेकर पूछताछ करने या साक्ष्य एकत्र करने की कोई आवश्यकता नहीं है।

हालांकि, अभियोजन पक्ष ने जॉर्ज के पिछले मामलों का विवरण पेश करते हुए कहा कि उन्होंने जमानत की शर्तों का उल्लंघन किया है और उनसे हिरासत में पूछताछ की जानी चाहिए। अभियोजन पक्ष ने कहा कि जॉर्ज ने इस तरह से टिप्पणी की, जिससे "धार्मिक भावनाएं" आहत हुईं।

शिकायतकर्ता के वकील ने बताया कि जब अपराह्न दो बजे के बाद मामले की सुनवाई हुई, तो अदालत ने जॉर्ज की जमानत याचिका खारिज कर दी। उन्हें मेडिकल जांच के लिए कोट्टायम सरकारी मेडिकल कॉलेज ले जाया गया। केरल उच्च न्यायालय द्वारा जॉर्ज की अग्रिम जमानत याचिका खारिज किये जाने के बाद पुलिस जब उन्हें हिरासत में लेने पहुंची, तो उन्होंने आत्मसमर्पण कर दिया। जॉर्ज ने शनिवार को नफरती भाषण मामले में जांच के लिए पुलिस के समक्ष उपस्थित होने के लिए 24 फरवरी तक का समय मांगा था।

 

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