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कासरकोड (केरल): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज (रविवार) कहा कि केरल में अब तक यूडीएफ और एलडीएफ की ‘समझौते और अनुबंध’ की राजनीति का शासन रहा है और दोनों ही पक्षों ने राज्य के शिक्षित मतदाताओं का ‘अपमान’ किया है। मोदी ने यहां एक चुनावी सभा में कहा, ‘केरल में राजनीति का एक नया मॉडल आया है। यह एक-दूसरे को बचाने के लिए तालमेल, समझौते, भ्रष्टाचार और अनुबंध की राजनीति है।’ राज्य में एलडीएफ और यूडीएफ दोनों पर हमला बोलते हुए मोदी ने कहा, ‘यूडीएफ और एलडीएफ के बीच करार का शासन है। पांच साल तक तुम शासन करो और अगले पांच साल हम शासन करेंगे।’ इसी तरह से ये दोनों मोर्चे राज्य की सत्ता में लौटते रहे हैं। आगामी 16 मई को केरल में होने जा रहे चुनाव के प्रचार के दूसरे चरण की शुरुआत करते हुए मोदी ने पश्चिम बंगाल में कांग्रेस और माकपा के बीच के गठबंधन पर तंज कसते हुए कहा कि दोनों ही दल केरल के शिक्षित लोगों का ‘अपमान’ कर रहे हैं और लोगों को दोनों दलों की तालमेल की राजनीति को समझना चाहिए। मोदी ने माकपा की ‘हिंसा की राजनीति’ पर भी हमला बोला और कहा कि मुख्यमंत्री पद के लिए मार्क्‍सवादी पार्टी के नेतृत्व वाले एलडीएफ की ओर से बनाए गए उम्मीदवार कई वर्ष पहले थालासेरी में भाजपा कार्यकर्ता की हत्या के मामले में आरोपी हैं।

उन्होंने कहा, ‘केरल में कांग्रेस के नेता माकपा कार्यकर्ताओं द्वारा की जाने वाली हिंसा की बात करते हैं लेकिन जब वे पश्चिम बंगाल में जाते हैं तो कहते हैं कि सिर्फ कम्यूनिस्ट लोग ही पश्चिम बंगाल को बचा सकते हैं।’ मोदी ने कहा, ‘मैं राज्य के शिक्षित लोगों से पूछना चाहता हूं कि क्या वे एक ही समय पर दो जगहों पर दो भाषाएं बोलने वाले दलों पर यकीन करेंगे?’ उन्होंने कहा, ‘यह चुनाव इस बारे में नहीं है कि केरल में सरकार कौन बनाएगा। यह इस बारे में है कि केरल को कौन बचाएगा और कौन केरल के युवाओं को रोजगार देगा और कौन उनके भविष्य को सुरक्षित बनाएगा?’

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