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नई दिल्ली: केंद्र ने एनएससीएन-आईएम की नगालैंड के लिए अलग ध्वज, अलग संविधान की मांग को खारिज कर दी है। केंद्र ने स्पष्ट किया कि विद्रोही समूह के साथ बंदूकों के साए में वार्ता स्वीकार्य नहीं है। नगा वार्ता के लिए सरकार के वार्ताकार और राज्यपाल आरएन रवि ने कहा केंद्र सरकार दशकों लंबी नगा शांति प्रक्रिया को बिना किसी विलंब के पूरा करने को प्रतिबद्ध है।

राज्यपाल ने कहा, सभी मुद्दों सहित एक परस्पर सहमति वाला व्यापक हल अंतिम समझौते को रूप देने के लिए तैयार है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि ऐसे मौके पर एनएससीएन-आईएम समझौते को लटकाने का रवैया अपना रहा है। उसने नगा राष्ट्र ध्वज व संविधान जैसे विवादस्पद मुद्दे उठाए हैं, जबकि वह भारत सरकार के रुख से अच्छी तरह वाकिफ है। गौरतलब है कि एनएसीएन-आईएम के महासचिव थुइंगलेंग मुइवा और आरएन रवि के तीन अगस्त, 2015 को पीएम नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में एक रूपरेखा के समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।

18 साल तक 80 दौर की वार्ताओं के बाद यह समझौता तैयार किया गया था। इसमें बड़ी कामयाबी 1997 में मिली थी, जब नगालैंड में दशकों तक चले उग्रवाद के बाद संघर्ष विराम के समझौते पर हस्ताक्षर हुए थे।

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