नई दिल्ली: भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के लिए बुरी खबर है। नागालैंड में क्षेत्रीय दल नागा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) का भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ दो दशक पुराना गठबंधन टूटने से वहां की राजनीति में हलचल बढ़ गई है। एनपीएफ के सूत्रों ने बताया कि गठबंधन तोडऩे की घोषणा पार्टी के नेता शुरोजेली के नेतृत्व में केंद्रीय पर्यवेक्षकों ने लिया है।
हालांकि एनपीएफ के एक धड़े ने इसे एक तरफा फैसला बताया और आरोप लगाया कि कि इस बारे में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से विचार विमर्श नहीं किया गया है। पार्टी के कई अन्य नेताओं ने भी निजी तौर पर इसका विरोध किया है और कहा है कि यह फैसला मुख्यमंत्री टी आर जेलियांग को फायदा पहुंचाने के लिए किया गया है।
पार्टी के एक नेता ने कोहिमा से फोन पर कहा, "हम मुख्यमंत्री के उम्मीदवार के रूप में टी आर जेलियांग का समर्थन कैसे कर सकते हैं। उन्होंने कभी भी पार्टी का नेतृत्व नहीं किया है। राज्य विधानसभा का 2013 का चुनाव नेफियू रियो के नेतृत्व में लडा गया था।" रियो तीन बार राज्य के मुख्यमंत्री रहे हैं और नागालैंड संसदीय सीट से 16 लोकसभा के सदस्य हैं।
सूत्रों ने यह भी बताया कि एनपीएफ तथा भाजपा के बीच दो दशक पुराना गठबंधन टूटने का फायदा हाल में गठित नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी को मिल सकता है। इस दल के नेता कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे चिंगवांग कोंनयाक हैं।