चंडीगढ़: पंजाब के नए मुख्यमंत्री का फैसला आज हाे जाने की संभावना है। सुखजिंदर सिंह रंधावा का पंजाब के नया सीएम बनना लगभग तय हाे गया है। बताया जाता है कि कांग्रेस विधायकों की बैठक में सुखजिंदर सिंह रंधावा के नाम पर सहमति हो गई और उनका नाम आलाकमान को भेज दिया गया है। वीडियो कांन्फ्रेंसिंग से भी सोनिया गांधी को विधायक दल के फैसले के बारे में बता दिया गया। वह आज ही शपथ ले सकते हैं। बताया जाता है कि जातीय समीकरण काे साधने के लिए दो उपमुख्यमंत्री बनाए जा सकते हैं। इसके लिए अरुणा चौधरी व भारत भूषण आशु के नाम चर्चा में हैं। सूत्रों के मुताबिक सुखजिंदर सिंह रंधावा ने राज्यपाल से मिलने का समय मांगा है। रंधावा के घर पर कांग्रेस विधायकों का तांता लगा हुआ है।
सुखजिंदर सिंह रंधावा 2017 में तीसरी बार विधायक बने थे। वह कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार में जेल एवं सहकारिता मंत्री थे। वह पंजाब के डेरा बाबा नानक से कांग्रेस विधायक रहे हैं। वह कभी कैप्टन अमरिंदर सिंह के बेहद करीबी थे, लेकिन बाद में उनसे बगावत कर दी।
नवजोत सिंह सिद्धू के पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद रंधावा ने तीन अन्य मंत्रियों तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, चरणजीत सिंह चन्नी और सुखबिंदर सिंह सरकारिया के साथ मिलकर कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ बगावत का झंडा बुलुद कर दिया।
बताया जाता है कि रंधावा के सीएम बनने पर उपमुख्यमंत्री के रूप में दीनानगर की कांग्रेस विधायक अरुणा चौधरी और लुधियाना वेस्ट से कांग्रेस विधायक भारत भूषण आशु उपमुख्यमंत्री बनेंगे। दोनों कैप्टन अमरिंदर सिंह कैबिनेट में भी मंत्री थे।
विधायक दल की बैठक के बाद सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा ही कैप्टन अमरिंदर सिंह उनके बुजुर्ग हैं और फैमली के हेड हैं। जो बहुत बोलता है वो काम नहीं करता है। रंधावा ने कहा कि वह कैप्टन के साथ 2002 से साथ रहे हैं और उम्मीद है आगे भी रहेंगे। दूसरी ओर, तृप्त राजिंदर बाजवा,परगट सिंह और मोहम्मद मुस्तफा रंधावा के घर पहुंचे।
कांग्रेस विधायक प्रीतम कोटभाई ने कहा कि विधायक दल की बैठक में सभी विधायकों ने राज्य के अगले सीएम के लिए सुखजिंदर सिंह रंधावा के नाम काे समर्थन किया और इसे आलाकमान को भेजा गया है। इससे पहले अंबिका सोनी के इन्कार के बाद मामला फिर उलझ गया था। इसके बाद पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत और पार्टी के केंद्रीय पर्यवेक्षकों ने पार्टी विधायकों से फिर से रायशुमारी की। इसमें पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ का नाम सबसे आगे रहा। बताया जाता है कि विधायकों से जो फीडबैक लिया गया है उसमें करीब 40 विधायकों ने सुनील जाखड़ के पक्ष में सहमति दी। दूसरे नंबर पर सुखजिंदर रंधावा रहे। उनके लिए 20 विधायकों ने सहमति दी। तीसरे नंबर पर नवजोत सिंह सिद्धू रहे और करीब 12 विधायकाें ने उनको नया सीएम बनाने का समर्थन किया।
इससे पहले अंबिका सोनी का नाम लगभग तय हो गया था, लेकिन उन्होंने इस पेशकश से इन्कार कर दिया। उन्होंने रविवार को कहा कि उन्होंने यह पद लेने से इन्कार कर दिया है। मेरे विचार से किसी सिख को सीएम होना चाहएि। इन सबके बीच बताया जा रहा है कि उनको मनाने की कोशिशें जारी हैं। वह पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मिलने पहुंची हैं। इससे पहले कांग्रेस विधायक दल के नए नेता व सीएम के लिए कल तक सुनील जाखड़ का नाम लगभग तय माना जा रहा था, लेकिन देर रात पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू और वरिष्ठ कांग्रेस नेता अंबिका सोनी का नाम भी चर्चाओं में आ गया।
बाद में यह बात सामने आई कि अंबिका साेनी ने स्वास्थ्य कारणाें का हवाला देते हुए आलाकमान से पंजाब सीएम पद के लिए इन्कार कर दिया है। अंबिका सोनी ने भी रविवार दोपहर पंजाब के सीएम पद को स्वीकार करने से इन्कार करने की बात कही। हालांकि वह कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के बुलावे पर उनसे मिलने पहुंचीं। बताया जा रहा है पंजाब में नेताओं के बीच खींचतान को देखते हुए हाईकमान अंबिका सोनी को सीएम बनाना चाहती है। अंबिका सोनी से पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत व चंडीगढ़ पहुंचे दो केंद्रीय पर्यवेक्षकों अजय माकन और हरीश राय चौधरी ने भी बात की है।
अब नए सीएम के लिए सभी की निगाहें कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी पर टिक गई हैं। उधर रविवार को पंजाब के एडवोकेट जनरल अतुल नंदा ने त्यागपत्र दिया। दूसरी ओर, आज होने वाली कांग्रेस विधायक दल की बैठक को स्थगित कर दिया गया है। ऐसे में सीएम पद का मामला उलझता दिख रहा है। यह भी चर्चा है कि अंबिका साेनी को फिर से मनाने की काेशिश की जा रही है।
अंबिका सोनी का नाम रविवार सुबह से चर्चाओं में सबसे ऊपर आ गया था, लेकिन पारिवारिक सूत्राें के अनुसार ने स्वास्थ्य कारणाें का हवाला देते हुए पद लेने से इंकार कर दिया है। अंबिका सोनी को कांग्रेस हाईकमान का बेहद करीबी माना जाता है। सियासी जानकारों का कहना है कि पंजाब कांग्रेस में पिछले दिनों की खींचतान को समाप्त करने के लिए अंबिका सोनी सबसे उपयुक्त व निर्ववाद नेता मानी जा रही थी। वह कैप्टन अमरिंदर सिंह की भी करीबी मानी जाती हैं।
शुक्रवार रात से ही यह चर्चा रही है कि अगला मुख्यमंत्री कौन होगा। सुनील जाखड़, सुखजिंदर सिंह रंधावा, प्रताप सिंह बाजवा के नाम शनिवार सुबह से ज्यादा चर्चा में रहे हैं। सुनील जाखड़ को बेंगलुरु दौरे से शुक्रवार रात को ही वापस बुला लिया गया है। हालांकि वह विधायक नहीं हैं, लेकिन दोनों खेमों में तालमेल रखते हैं। प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। सुखजिंदर सिंह रंधावा नवजोत सिंह सिद्धू के खास माने जाते हैं और कैप्टन के खिलाफ आवाज उठाने वालों में सबसे मुखर थे। नए सीएम के लिए अंबिका सोनी और विजय इंदर सिंगला के नाम की भी कयासबाजी है।
राज्यसभा सदस्य प्रताप बाजवा राहुल गांधी के करीबी माने जाते हैं। वह वरिष्ठ हैं और दोनों खेमों में स्वीकार्यता रखते हैं। दूसरी ओर , शनिवार देर रात एक बार फिर नवजोत सिंह सिद्धू का नाम आगे आ रहा है। माना जाता है कि उनमें कांग्रेस हाईकमान शुरू से ही अगले मुख्यमंत्री की संभावना देख रहा है और अब किसी अन्य नाम पर सहमति न बनती देख यह सोचने पर विवश है कि क्यों न सिद्धू को ही सरकार की कमान सौंप दी जाए जिन पर इतना दांव पहले ही लगाया जा चुका है।
शनिवार देर रात निवर्तमान मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के हवाले से उनके मीडिया सलाहकार रवीन ठुकराल ने ट्वीट करते हुए कहा कि कांग्रेस हाईकमान का फैसला समझ से परे है। हमने 2017 के बाद से पंजाब में सभी चुनाव जीते हैं। लोग स्पष्ट रूप से मेरी (कैप्टन) सरकार से खुश थे, लेकिन पार्टी के नेताओं ने अपने ही चेहरे के लिए अपनी नाक काट ली है और जीत की स्थिति से हार की तरफ बढ़ गए हैं।