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चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री पद से कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने आज इस्तीफा दे दिया। उन्होंने राज्यपाल बनवारी लाल को इस्तीफा सौंपने के बाद पत्रकारों से कहा कि आज सुबह मैंने कांग्रेेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से फोन पर बात की थी और उन्हें यह जानकारी दी थी कि मैं अपने पद से इस्तीफा दे रहा हूॅं। एक सवाल के जबाव में उन्होंने कहा कि तीन बार विधायकों की बैठक बुलायी गयी और मुझ पर संदेह व्यक्त किया गया कि मैं नहीं चला सका। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों जो कुछ हुआ, उससे मैंने खुद को अपमानित महसूस किया। एक सवाल के जबाव में उन्होंने कहा कि विकल्प खुले हुए है और मैं अपने समर्थकों से चर्चा के बाद भविष्य की राजनीति का फैसला करूंगा। कांग्रेस को जिसे मुख्यमंत्री बनाना है उसे बनाएं।

कांग्रेस की कार्यवाहक राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष सोनिया गांधी ने उनसे सुबह इस्‍तीफा मांग लिया था। नए मुख्‍यमंत्री का चुनाव करने के लिए कांग्रेस विधायक दल की बैठक आज शाम पांच बजे होगी। दूसरी ओर, नए मुख्‍यमंत्री के तौर पर सुनील जाखड़ का नाम सबसे आगे चल रहा है। पंजाब कांग्रेस भवन में गतिविधियां तेज हो गई है।

पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत और दोनों केंद्रीय पर्यवेक्षक अजय माकन व हरीश राय चाैधरी चंडीगढ़ पहुंच गए हैं।

बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह कांग्रेस विधायक दल की बैठक से पहले इस्तीफा दे देंगे। सीएम के अति निकटवर्ती सूत्रों का कहना है कि वह विधायक दल की बैठक में शामिल होने से पहले ही अपना इस्तीफा सौंप सकते हैं।

इसके लिए राज्यपाल से समय मांगा गया है कि नहीं, इस बारे में अभी कुछ स्पष्ट नहीं हो पाया है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पार्टी से मुलाकात करने सीनियर नेता और कैबिनेट में नंबर दो मंत्री स्थानीय निकाय मंत्री ब्रह्म मोहिंदरा और स्पीकर राणा केपी सिंह उनके सरकारी आवास पहुंचे। कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत पर्यवेक्षक हरीश चौधरी अजय माकन नवजोत सिंह सिद्धू के साथ कांग्रेस भवन पहुंच गए हैं।

चंडीगढ़ कांग्रेस भवन के आसपास कड़ी सुरक्षा

दूसरी ओर चंडीगढ़ के पंजाब कांग्रेस भवन व उसके आसपास कड़ी सुरक्षा कर दी गई है। थोड़ी देर पहले तक कांग्रेस भवन के सामने बम स्क्वायड और डॉग स्क्वायड की टीम ने भी पूरे इलाके में जांच की। पहले यह अनुमान लगाया जा रहा था कि कैप्टन अमरिंदर सिंह कांग्रेस भवन आ सकते हैं, लेकिन बदले हालातों में यह संकेत मिल रहे हैं कि अब कैप्टन कांग्रेस भवन नहीं आएंगे। कैबिनेट मंत्री रजिया सुल्ताना अपने पति पूर्व डीजीपी व नवजोत सिंह सिद्धू के प्रधान सलाहकार मो. मुस्तफा के साथ पहुंचीं।

पंजाब कांग्रेस भवन में हलचल तेज

पिछले कई दिनों से उन्हें हटाने की तैयारी चल रही थी। अब आज शाम में कांग्रेस विधायक दल की बैठक में नए सीएम के बारे में फैसला होने की संभावना है। पंजाब कांग्रेस भवन में शाम पांच बजे विधायक दल की बैठक होगी। दूसरी ओर, कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने अपने समर्थकाें की दो बजे होने वाली बैठक को रद कर दिया है। नए सीएम के तौर पर पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्‍यक्ष सुनील जाखड़ और पंजाब कांग्रेस अध्‍यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के नाम आगे चल रहे हैं।

दूसरी पंजाब कांग्रेस भवन में हलचल तेज हो गई है। पंजाब के तीन बागी मंत्री तृप्‍त राजिंदर सिंह बाजवा, चरणजीत सिंह चन्‍नी और सुखजिंदर सिंह रंधावा पंजाब कांग्रेस भवन पहुंच गए हैं। पंजाब विधानसभा के स्‍पीकर राणा केपी सिंह भी प्रदेश कांग्रेस कार्यालय पहुंचे हैं।

अमरिंदर सिंह ने पद छोड़ने की धमकी दी

सूत्रों ने कहा है कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सोनिया गांधी को फोन करके कहा है कि उन्हें इस तरह की ह्यूमिलेशन बर्दाश्त नहीं है। अगर आज यह क्‍लेश खत्म नहीं हुआ तो वह इस्तीफा दे देंगे। यह भी कहा जा रहा है कि उन्होंने यह बात कांग्रेस के सीनियर नेता कमलनाथ से भी की है। हालांकि इसकी अधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है। दूसरी ओर, यह भी चर्चा है कि कैप्‍टन ने सीएम पद से हटाने पर कांग्रेस छोड़ने की भी धमकी दी है। वैसे इसकी पुष्टि नहीं हुई है। खबर आ रही है कि उन्होंने हाई कमान को कहा है कि पार्टी का यह क्लेश खत्म न हुआ तो वह पार्टी भी छोड़ देंगे।

कैप्‍टन ने समर्थक विधायकों की बैठक रद की

दूसरी ओर, कैप्टन अमरिंदर सिंह ने दो बजे वाली मीटिंग को रद कर दिया है। दरअसल आज सुबह से ही कैप्टन अमरिंदर सिंह की टीम अपने समर्थक विधायकों को फोन करके इस मीटिंग में आने के लिए कह रह थी लेकिन हाई कमान का रुख देखते हुए विधायकों ने बैठक में आने को लेकर बहानेबाजी शुरू कर दी। सभी विधायक कह रहे हैं कि वे अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र में व्यस्त हैं। इसे देखते हुए कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपनी बैठक को रद कर दिया है।

नए सीएम के लिए सुनील जाखड़ और नवजोत सिद्धू का नाम चर्चा में

अब पंजाब में विधानसभा चुनाव को मात्र छह महीने का ही समय बचा है, ऐसे में कांग्रेस ने अपने सबसे मजबूत मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का इस्तीफा मांग लिया है। हालांकि अभी अधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है लेकिन बताया जा रहा है कि पंजाब मामलों के प्रभारी हरीश रावत चंडीगढ़ पहुंच रहे हैं। कैप्टन से उन्हें इस्तीफा सौंपने को कहा गया है। नए मुख्‍यमंत्री के लिए सुनील जाखड़ व पंजाब कांग्रेस अध्‍यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू सहित कुछ अन्‍य नामाें की चर्चा है।

काबिले गौर है कि तीन दिन पहले करीब 40 विधायकों ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ अविश्वास जता दिया था। उन्होंने पत्र में यह भी लिखा था कि और भी कई विधायक उनके खिलाफ हैं लेकिन जब तक वह सीएम रहेंगे,कोई भी खुलकर उनके खिलाफ नहीं बोलेगा। ऐसे में विधायक दल की मीटिंग बुलानी जरूरी है जिसमें दो केंद्रीय पर्यवेक्षक भी हों। इस चिट्ठी के आधार पर हरीश रावत ने कांग्रेस की प्रधान सोनिया गांधी से मुलाकात की।

इससे पहले बागी कांग्रेस मंत्रियों व विधायकों ने 25 अगस्त को भी आलाकमान को चिट्ठी लिखी थी और मीटिंग भी की। इसमें दो दर्जन के लगभग विधायक मौजूद थे लेकिन उस बगावत को कैप्टन अमरिंदर सिंह ने शांत कर लिया । कैप्टन ने हाई कमान के कहने पर दस सदस्यी तालमेल कमेटी बना दी जिसमें पार्टी प्रधान नवजोत सिद्धू के अलावा चार कार्यकारी प्रधान और मंत्रियों को लिया गया। लेकिन, 25 दिन बीतने के बावजूद इसकी एक भी मीटिंग नहीं हुई। बाद में कांग्रेस आलाकमान ने 40 विधायकाें की पंजाब कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाने की मांग को स्‍वीकार कर लिया।

पंजाब कांग्रेस के अध्‍यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने ट्वीट कर जानकारी दी कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के निर्देश पर आज शाम पांच बजे पंजाब के कांग्रेस विधायक दल की चंडीगढ में बैठक होगी। सिद्धू ने इस संबंध में पंजाब कांग्रेस अध्‍यक्ष हरीश रावत के ट्वीट को भी रिट्वीट किया है।

हरीश रावत ने अपने ट्वीट में कहा कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी को पंजाब के काफी संख्‍या में कांग्रेस विधायकों का पत्र मिला। इसमें कांग्रेस विधायक दल की तुरंत बैठक बुलाने का अनुरोध किया गया था। इसके बाद कांग्रेस विधासक दल की 18‍ सितंबर को शाम पांच बजे बैठक हाेगी।

बता दें कि कांग्रेस विधायकों की ओर से विधायक दल की मीटिंग की मांग के बाद पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शुक्रवार को राज्य के पंजाब मामलों के प्रभारी हरीश रावत से मुलाकात की। इसमें शनिवार को विधायक दल की मीटिंग बुला कर कांग्रेस की खींचतान को जल्द खत्म करने को कहा है। दोनों पर्यवेक्षक सभी विधायकों से बात के आधार पर एक रिपोर्ट तैयार करके सोनिया गांधी को सौंपेंगे।

हाल ही में आम आदमी पार्टी को छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने वाले सुखपाल सिंह खैहरा, पिरमल सिंह और जगदेव कमालू इस बैठक में शामिल नहीं होंगे। इस बैठक में खड़गे कमेटी की ओर से तैयार किए गए 18 सूत्रीय कार्यक्रम के बारे में भी चर्चा की जाएगी, लेकिन पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि यह बैठक मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के संबंध में होगी। हालांकि, ऐसा होने पर बड़ा सवाल फिर भी बना हुआ है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह के बाद मुख्यमंत्री किसे बनाया जाएगा। पार्टी अभी इस किसी भी नतीजे पर नहीं पहुंची है। विधायक दल की बैठक बुलाने के लिए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर अविश्वास जताने वाले कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा अपने साथी तीन मंत्रियों और कुछ विधायकों को साथ लेकर बुधवार को कांग्रेस के अन्य विधायकों से सोनिया गांधी को लिखे गए पत्र पर हस्ताक्षर करवाए थे।

इसके बाद कांग्रेस के प्रदेश महासचिव (संगठन) परगट सिंह और उसके बाद तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा के आवास पर नेताओं में लंबी बातचीत का दौर चला। सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में कैप्टन अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री पद से हटाने को लेकर बातचीत हुई थी। बैठक में शामिल विधायकों ने मुख्यमंत्री पर अविश्वास जताया है।

यहां तक की चारों मंत्री और कुछ विधायक पंजाब मामलों के प्रभारी हरीश रावत से बात करने के लिए देहरादून और उसके बाद सोनिया गांधी से मिलने के लिए दिल्ली भी गए थे। रावत कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिद्धू से भी मिले थे और मुख्यमंत्री से भी उन्होंने बात की। अब कैप्टन अमरिंदर सिंह से नाखुश चल रहे खेमे ने परगट सिंह से उन विधायकों को मनाने के लिए कहा है जो 25 अगस्त की बैठक में तो शामिल थे लेकिन बाद में एकजुट नहीं रह पाए।

 

 

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