कोलकाता: कोलकाता में महिला डॉक्टर से रेप और हत्या की घटना के बाद प्रदर्शन कर रहे जूनियर डॉक्टर गतिरोध सुलझाने के मकसद से बैठक के लिए एक बार फिर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के कालीघाट स्थित आवास पहुंचे। सीएम आवास पर आंदोलनकारी जूनियर डॉक्टरों और पश्चिम बंगाल सरकार के बीच बैठक हुई, जो दो घंटे तक चली। इस दौरान डॉक्टरों ने सरकार को अपनी मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपा। वहीं सरकार ने उनसे काम पर लौटने की अपील की।
करीब 30 डॉक्टर शाम करीब 6.20 बजे मुख्यमंत्री बनर्जी के आवास पर पहुंचे थे। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार ये बैठक पांच बजे होनी थी। हालांकि बैठक हुई और कई मुद्दों पर चर्चा की गई।
स्वास्थ्य विभाग के मुख्यालय ‘स्वास्थ्य भवन' के बाहर अपने धरना स्थल से बैठक के लिए रवाना होने से पहले प्रदर्शनकारी चिकित्सकों ने कहा था कि बैठक का विवरण रिकॉर्ड करने के लिए उनके साथ दो पेशेवर स्टेनोग्राफर जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि वे अपनी पांच मांगों से कम पर नहीं मानेंगे, जो वे पहले ही सरकार के समक्ष रख चुके हैं।
चिकित्सकों ने नौ अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में एक स्नातकोत्तर प्रशिक्षु चिकित्सक के साथ बलात्कार और उसकी हत्या की घटना के बाद सबूतों को ‘नष्ट' करने के लिए जिम्मेदार लोगों की जवाबदेही तय करने और उन्हें सजा देने की मांग की है।
उन्होंने मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्राचार्य संदीप घोष के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने, कोलकाता पुलिस आयुक्त विनीत गोयल और स्वास्थ्य सचिव नारायण स्वरूप निगम के इस्तीफे, स्वास्थ्य कर्मियों के लिए बेहतर सुरक्षा और सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में ‘धमकी की संस्कृति' को समाप्त करने की भी मांग की है।
पश्चिम बंगाल सरकार ने आरजी कर मामले में गतिरोध समाप्त करने के लिए आंदोलनकारी चिकित्सकों को बातचीत के लिए शाम को मुख्यमंत्री आवास पर फिर से आमंत्रित किया था। आंदोलनकारी जूनियर डॉक्टरों ने सीएम के साथ बैठक में शामिल होने को लेकर हामी भरी थी।
आंदोलनकारी चिकित्सकों ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव से कहा था कि अगर दोनों पक्षों को बैठक में बातचीत रिकॉर्ड करने की अनुमति दी जाती है, तो वो शामिल होने के लिए तैयार हैं।
उन्होंने कहा कि आरजी कर अस्पताल मामले में सीबीआई द्वारा कोलकाता पुलिस अधिकारी की गिरफ्तारी ने बैठक की पारदर्शिता की जरूरत बढ़ा दी है।
वहीं मुख्य सचिव मनोज पंत ने आंदोलकारी चिकित्सकों से कहा कि दोनों पक्ष बैठक के विवरण पर हस्ताक्षर करेंगे, बातचीत के अंत में सभी पक्ष को इसकी कॉपी दी जाएंगी।
सरकार ने आरजी कर अस्पताल मामले में जारी गतिरोध को दूर करने के लिए आज पांचवीं और आखिरी बार प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टरों को बातचीत के लिए बुलाया है। दो दिन पहले डॉक्टरों की बैठक की लाइव स्ट्रीमिंग की जिद को लेकर बातचीत नहीं पाई थी।
प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टरों को भेजे ईमेल में मुख्य सचिव मनोज पंत ने उन्हें सोमवार को शाम पांच बजे बातचीत के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के कालीघाट स्थित आवास पहुंचने को कहा था।
उन्होंने लिखा, ‘‘यह पांचवीं और आखिरी बार है, जब हम माननीय मुख्यमंत्री एवं प्रतिनिधियों के बीच बैठक को लेकर आपसे संपर्क कर रहे हैं। परसों (शनिवार को) हुई हमारी चर्चा के अनुरूप, हम एक बार फिर आपको मुख्यमंत्री के साथ उनके कालीघाट स्थित आवास पर बैठक के लिए खुले मन से चर्चा के लिए आमंत्रित कर रहे हैं।''
शाम में ई-मेल का जवाब देते हुए प्रदर्शनकारी डॉक्टरों ने कहा, ‘‘देश के कानून का पालन करने वाले नागरिक होने के नाते हम इस बैठक में शामिल होने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। लेकिन अगर बैठक का स्थान आधिकारिक और प्रशासनिक होता, तो यह वास्तव में सराहनीय होता, क्योंकि मामला शासन से जुड़ा हुआ है।''
डॉक्टरों ने कहा कि आरजी कर मामले में सीबीआई द्वारा ताला पुलिस स्टेशन के ‘ओसी' की गिरफ्तारी से बैठक की पारदर्शिता का महत्व पहले से भी अधिक बढ़ गया है।
आंदोलनकारी चिकित्सकों ने कहा, ‘‘हम इस बात पर जोर देना चाहेंगे कि बैठक की वीडियोग्राफी दोनों पक्षों के अलग-अलग वीडियोग्राफर द्वारा की जाए। अगर आपकी तरफ से ऐसा करना संभव न हो, तो बैठक की पूरी वीडियो रिकॉर्डिंग डॉक्टर प्रतिनिधियों को सौंप दी जाए। अगर ऐसा करना संभव न हो, तो बैठक की कार्यवाही का पूरा विवरण तैयार किया जाए और सभी उपस्थित लोगों द्वारा हस्ताक्षर कर बैठक के अंत में इसकी प्रतियां सौंप दी जाएं।''
इसके तुरंत बाद मुख्य सचिव ने जवाब देते हुए कहा कि दोनों पक्ष बैठक के विवरण पर हस्ताक्षर करेंगे और स्पष्टता सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक पक्ष के साथ प्रतियां साझा की जाएंगी।
आरजी कर अस्पताल में नौ अगस्त को एक प्रशिक्षु महिला चिकित्सक से बलात्कार और उसकी हत्या के मामले में प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों ने सरकारी अस्पतालों में काम बंद कर रखा है।