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इंफाल: केंद्र सरकार ने मणिपुर में 8 मार्च यानि आज से सुरक्षित यातायात के लिए मणिपुर फ्री मूवमेंट का आदेश दिया था। इसके तहत राज्यभर में बस सेवाएं शुरू की गई, जिसमें इंफाल से सेनापति जिले के रास्ते कांगपोकपी और इंफाल से विष्णुपुर तक की बस सेवाएं शामिल हैं। लेकिन इस आदेश के पहले ही रोज कुछ जगहों पर हिंसा भड़क गई। 

कुकी बहुल जिले में प्रदर्शनकारी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के राज्य भर में फ्री ट्रैफिक के निर्देश का विरोध कर रहे थे। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे, जिससे प्रदर्शनकारी हिंसक हो गए और निजी गाड़ियों में आग लगा दी।

एक की मौत, 25 घायल

सुरक्षाबलों और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प में एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई, जबकि 25 अन्य घायल हो गए। इंफाल, चुराचांदपुर, कांगपोकपी, विष्णुपुर और सेनापति को जोड़ने वाली सड़कों पर शनिवार को जैसे ही बसें चलनी शुरू हुईं, तभी कुकी समुदाय के लोगों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया।

पुलिस ने दागे आंसू गैस के गोले

अधिकारियों ने बताया कि जैसे ही अंतर-जिला बस सेवा फिर से शुरू हुई, गमगीफई इलाके में भीड़ ने सेनापति जिले जाने वाली यात्री बस पर पथराव करके हमला कर दिया। जवाब में सुरक्षा बलों ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठियों का इस्तेमाल किया। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, सुरक्षा बलों ने व्यापक अभियान चलाकर 114 हथियार, आईईडी ग्रेनेड और गोला-बारूद बरामद किए हैं। वहीं राज्य में अलग-अलग अभियानों में प्रतिबंधित संगठनों के सात सदस्यों को गिरफ्तार किया गया।

अमित शाह ने किया था फ्री मूवमेंट का एलान

गृह मंत्री अमित शाह ने 1 मार्च को मणिपुर के हालात पर गृह मंत्रालय में समीक्षा बैठक की थी। गृह मंत्री ने 8 मार्च से मणिपुर में सभी सड़कों पर आवाजाही सुनिश्चित करने को कहा था। साथ ही सड़कें ब्लॉक करने वालों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। अधिकारियों ने कहा कि सुबह करीब 10 बजे चुराचांदपुर और सेनापति के पहाड़ी जिलों के लिए जाने वाली बसें बिना यात्रियों के केंद्रीय बलों के एक बड़े काफिले के साथ इम्फाल से रवाना हुईं।

चुराचांदपुर जाने वाली बस बिना किसी घटना के बिष्णुपुर जिले से होकर सुरक्षित रूप से कांगवई पहुंच गई। एनएच-2 (इंफाल-दीमापुर राजमार्ग) पर प्रदर्शनकारियों ने टायर जलाए और राज्य सरकार के वाहनों की आवाजाही को बाधित करने के लिए सड़कों पर जमा हुए। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक एक पुलिसकर्मी ने कहा, "हम केवल आदेशों का पालन कर रहे हैं। हमें मार्च रोकने के लिए कहा गया है। अगर वे (प्रदर्शनकारी) जाना चाहते हैं, तो वे सरकार की व्यवस्थित राज्य बसों में जा सकते हैं।"

कुकी जनजातियां अलग प्रशासन की कर रही हैं मांग

बता दें कुकी जनजातियां तब तक स्वतंत्र आवागमन नहीं चाहतीं, जब तक कि राज्य से अलग प्रशासन बनाने की उनकी मांग पूरी नहीं हो जाती। कई बसें राज्य की राजधानी इंफाल से 45 किलोमीटर दूर कांगपोकपी जिले में अवरोधकों को तोड़ते हुए आगे बढ़ते हुए दिखाई दी।

राजमार्ग को अवरुद्ध करने का प्रयास कर रही कुकी जनजाति की कई महिलाएं सुरक्षा बलों के लाठीचार्ज में घायल हो गईं। केंद्र ने घोषणा की है कि मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद राष्ट्रपति शासन के अधीन आए राज्य में आज से कहीं भी सड़क अवरोध नहीं होगा।

कई इलाके में पत्थरबाजी और टायर जलाए गए

मणिपुर में कुकी बहुल कई इलाकों से झड़पों की खबरें आई हैं। स्थानीय लोगों द्वारा शेयर किए गए वीडियो में प्रदर्शनकारियों को वाहनों पर पत्थर फेंकते, सड़कें खोदते, टायर जलाते और बैरिकेड लगाते हुए देखा जा सकता है। कुछ लोगों ने सुरक्षा बलों पर अपशब्दों का इस्तेमाल किया और उन्हें वापस जाने के लिए कहा।

कुकी नेताओं और लगभग दो दर्जन उग्रवादी समूहों, जिन्होंने कार्रवाई स्थगन (एसओओ) समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं और उनके अग्रणी नागरिक संगठनों ने मांग की है कि केंद्र सरकार समुदायों को मणिपुर में खुलेआम घूमने की इजाजत देने से पहले एक अलग प्रशासन दे।

पहले भी की गई थी आवागमन शुरू करने की कोशिश

दिसंबर 2024 में मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने भी राज्य में आवागमन को फिर से शुरू रखने की लिए कदम उठाए थे लेकिन कोई यात्री ही स्टेशन पर नहीं आया था। उन्होंने इम्फाल से कांगपोकपी और चुराचांदपुर तक सरकारी बसों की सुविधा शुरू की थी. लेकिन इसमें सफलता नहीं मिली।

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