नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): मणिपुर में जारी हिंसा के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल (डेलिगेशन) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिला और राज्य में शांति बहाली की मांग की। इस दौरान कांग्रेस के मणिपुर के तमाम नेता उसके साथ थे। डेलिगेशन ने राष्ट्रपति को चार पन्ने की रिपोर्ट सौंपी।
बीजेपी पर लगाया- 'ध्रुवीकरण का आरोप'
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि बीजेपी (भाजपा) की ध्रुवीकरण की राजनीति को लेकर मणिपुर जल रहा है। मणिपुर में 3 मई से हिंसा हो रही है और बीजेपी को इसकी कोई परवाह नहीं है। क्योंकि बीजेपी का सारा ध्यान कर्नाटक चुनाव में था। कांग्रेस डेलिगेशन ने 12 प्वाइंट्स में एक्शन प्लान बनाकर राष्ट्रपति को सौंपा है, जिसको फॉलो कर राज्य में हिंसा को रोका जा सकता है। राष्ट्रपति भवन में भारत के माननीय राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद कांग्रेस पार्टी के प्रतिनिधिमंडल ने एआईसीसी मुख्यालय में मीडिया को संबोधित किया। कांग्रेस ने कहा कि जब राज्य के मुख्यमंत्री इबोबी सिंह थे, तब मणिपुर में ऐसा नहीं होता था। आज मणिपुर के हालात से आप वाकिफ हैं।
कांग्रेस ने कहा, ऐसा पहले कभी इतिहास में नहीं हुआ है। यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। मैंने सुना कि आज भी दो लोगों की मौत हुई है। मुझे नहीं पता कि बीजेपी का छिपा हुआ एजेंडा क्या है।
मणिपुर के दौरे पर हैं गृह मंत्री अमित शाह
मणिपुर में जारी हिंसा के बीच गृह मंत्री अमित शाह राज्य के दौरे पर हैं। अगले कुछ दिनों तक गृह मंत्री यहीं रुकेंगे और सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ ही अलग.अलग पक्षों और सिविल सोसाइटी संस्था के लोगों से भी मिलेंगे। बैठक में राज्य में जारी हिंसा को रोकने को लेकर चर्चा होगी। इस बीच गृहमंत्री अमित शाह कुछ हिंसा प्रभावित इलाक़ों का दौरा भी कर सकते हैं। कल उन्होंने मुख्यमंत्री और अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय बैठक भी की थी। रविवार को ही ताज़ा हिंसा में एक पुलिसकर्मी समेत पांच लोगों की मौत हो गई और बारह लोग घायल हो गए।