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नई दिल्ली: अजित पवार भले ही महाराष्ट्र सरकार के उप-मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले लिए हों, लेकिन विश्वास मत के दौरान उन पर उनकी पार्टी एनसीपी की ओर से जारी व्हिप लागू होगा। यह व्हिप अजित पवार नहीं, बल्कि जयंत पाटिल जारी करेंगे। यदि अजित पवार इस व्हिप का उल्लंघन करते हैं तो उनकी विधायकी खतरे में पड़ जाएगी। देश के शीर्ष संविधान विशेषज्ञ महाराष्ट्र की वर्तमान परिस्थितियों में ये दावा कर रहे हैं।

संविधान विशेषज्ञ एवं लोकसभा के पूर्व महासचिव पीडीटी आचारी के मुताबिक, जब अजित पवार ने भाजपा को अपना समर्थन पत्र दिया तब वे विधायक दल के नेता थे और उसे आधार मानकर राज्यपाल ने भाजपा को सरकार बनाने का न्योता दे दिया। अब जब विश्वास मत होता तब एनसीपी के विधायक दल के नेता जयंत पाटिल होंगे और उन्हें ही व्हिप जारी करने का अधिकार होगा। यह व्हिप अजित पवार को भी मानना होगा, अन्यथा उनकी सदस्यता छिन जाएगी।

लोकसभा के पूर्व महासचिव पी श्रीधरन ने भी व्हिप को अजित पर बाध्य बताते हुए कहा कि एनसीपी ने नियमों को पालन करते हुए विधायक दल का नया नेता चुन लिया है। अब नए नेता के पास ही व्हिप जारी करने का अधिकार होगा। अगर एनसीपी अजित पवार को पार्टी से नहीं निकालती है और सदन में विश्वास मत के खिलाफ वोट देने का व्हिप जारी होता है तो अजित पवार को भी इस व्हिप को मानना होगा। यदि अजित पवार ऐसा नहीं करते हैं तो उनकी सदस्यता छिन जाएगी।

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