भुवनेश्वर: केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बुधवार को ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक से वरिष्ठ नागरिकों, विधवाओं और दिव्यांगों को पेंशन के रूप में नकद राशि देने के राज्य सरकार के हालिया फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया।
ओडिशा से ताल्लुक रखने वाले प्रधान ने आरोप लगाया कि अतीत में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जब नकद भुगतान के कारण बिचौलियों द्वारा लाभार्थियों का शोषण किया गया और भ्रष्टाचार हुआ। उन्होंने कहा कि लाभार्थियों को नकद भुगतान का ओडिशा सरकार का निर्णय राज्य में ‘‘भ्रष्टाचार और कदाचार'' को बढ़ावा देगा।
केंद्रीय मंत्री ने पटनायक को लिखे एक पत्र में कहा, ‘‘पारदर्शिता बनाए रखने और भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने की हमारी प्रतिबद्धता को ध्यान में रखते हुए, मैं आपसे ओडिशा में वरिष्ठ नागरिकों, विधवाओं और दिव्यांगों को पेंशन के भुगतान के लिए डीबीटी (प्रत्यक्ष लाभ अंतरण) प्रणाली को जारी रखने और नकद भुगतान के निर्णय की समीक्षा करने का आग्रह करता हूं।''
ओडिशा सरकार के सामाजिक सुरक्षा एवं दिव्यांग सशक्तिकरण (एसएसईपीडी) विभाग द्वारा सभी जिलाधिकारियों और नगर निगमों के आयुक्तों से ‘मधु बाबू पेंशन योजना' (एमबीपीवाई) के लाभार्थियों को जून से नकद भुगतान का निर्देश दिया गया है, जिसके बाद केंद्रीय मंत्री की प्रतिक्रिया सामने आई है।
लाभार्थियों को डीबीटी के माध्यम से पेंशन भुगतान सुनिश्चित करने में ‘‘विफल'' रहने पर आलोचना के बीच राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया है। ओडिशा सरकार ने पेंशन के नकद भुगतान के पुराने तरीके पर लौटने का फैसला किया है।