लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा अपने चाचा और वरिष्ठ मंत्री शिवपाल यादव से अहम मंत्रालय छीने जाने और राज्य में सरकार पर काबिज़ यादव परिवार में कलह खुलकर सामने आने के बाद शिवपाल ने कहा है कि 'हम नेताजी (मुलायम सिंह यादव) से बात करके आगे का फैसला लेंगे'. उन्होंने कहा कि 'नेताजी ने जो जिम्मेदारी दी उसे निभाया है. नेताजी जो निर्णय लेंगे उसे मानेंगे. मंत्रियों को हटाना सीएम का अधिकार है'. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि किसी के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए. अब आज शिवपाल दिल्ली आकर मुलायम सिंह यादव से मुलाकात करेंगे. शिवपाल विशेष विमान से दिल्ली आ रहे हैं. इसी बीच अखिलेश यादव ने आज के अपने दो कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं. दरअसल, बीते सोमवार को दो मंत्रियों की छुट्टी के बाद मंगलवार को सीएम अखिलेश यादव ने मुख्य सचिव दीपक सिंघल की छुट्टी कर दी, जिन्हें शिवपाल यादव का खास माना जाता था. इसके कुछ देर बाद मुलायम सिंह यादव ने शिवपाल यादव को समाजवादी पार्टी की उत्तर प्रदेश यूनिट का अध्यक्ष बना दिया. मंगलवार रात को ही मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने चाचा शिवपाल यादव से सारे अहम मंत्रालय- लोक निर्माण (पीडब्ल्यूडी), राजस्व और सिंचाई छीन लिए. अखिलेश ने पीडब्ल्यूडी विभाग अपने पास रखा है. उन्होंने सिंचाई विभाग अवधेश प्रसाद को और राजस्व एवं सहकारिता विभाग बलराम यादव को दे दिया है.
शिवपाल के पास इस समय भूमि विकास, जल संसाधन एवं समाज कल्याण विभाग रह गए हैं. इससे पहले पार्टी के राष्टीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को प्रदेश अध्यक्ष के दायित्व से मुक्त कर दिया और यह जिम्मेदारी सूबे के कद्दावर मंत्री शिवपाल यादव को सौंप दी. सपा के राष्ट्रीय महासचिव प्रोफेसर रामगोपाल यादव की तरफ से दिल्ली में एक बयान जारी कर इसकी जानकारी दी गई. बयान में कहा गया है कि मुलायम सिंह यादव ने यूपी में शिवपाल को प्रदेश का नया अध्यक्ष बनाया है. बयान में कहा गया कि यूपी में शिवपाल के नेतृत्व में पार्टी नई ऊंचाइयों पर पहुंचेगी. मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ही अब तक सपा के प्रदेश अध्यक्ष भी थे. दरअसल, मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मंगलवार को ही सूबे के मुख्य सचिव और शिवपाल के करीबी दीपक सिंघल को हटा दिया था. अटकलें लगाई जा रही हैं कि शिवपाल की नाराजगी दूर करने के लिए ही मुलायम ने अब उन्हें यूपी सपा की कमान सौंपी है. उधर, मुख्य सचिव पद से सिंघल को हटाने की कोई वजह नहीं बताई गई, लेकिन सपा के कुछ नेताओं का मानना है कि मुख्यमंत्री इस बात से खुश नहीं थे कि सिंघल सपा के राज्यसभा सदस्य अमर सिंह द्वारा दिल्ली में दिए गए रात्रिभोज में शामिल हुए थे। इस रात्रिभोज में अखिलेश शामिल नहीं हुए थे. मुलायम और सपा के कुछ अन्य शीर्ष नेता इस रात्रिभोज में शामिल हुए थे.