लखनऊ: बढ़ती मंहगाई के मद्देनजर उत्तर प्रदेश विधानमंडल के सदस्यों के वेतन और भत्ते बढ़ाने सम्बन्धी विधेयक को आज (गुरूवार) विधानसभा में सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। संसदीय कार्यमंत्री आजम खां द्वारा सरकार के फैसले को लागू करने के लिए कल विधानसभा में प्रस्तुत उत्तर प्रदेश राज्य विधानमंडल (सदस्यों की उपलब्धियों और पेंशन) संशोधन विधेयक 2016 को सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। इसमें विधायकों की मासिक आमदनी मौजूदा 75 हजार रूपये से बढ़ाकर सवा लाख रूपये करने का प्रावधान है। सदन में प्रस्तुत विधेयक में विधानमंडल के दोनों सदनों के सदस्यों का मूल वेतन दस हजार रूपये से बढ़ाकर 25 हजार रूपये करने का प्रस्ताव किया गया था। इसी प्रकार निर्वाचन क्षेत्र भत्ते को हर माह 30 हजार से बढ़ाकर 50 हजार, चिकित्सा भत्ते को 20 हजार से बढ़ाकर 30 हजार और सचिव भत्ता 15 हजार से बढ़ाकर 20 हजार रूपये कर दिये जाने का प्रस्ताव किया गया था। विधेयक में मौजूदा विधायकों को मिलने वाले रेल कूपन भत्ते को सालाना 3.25 लाख से बढ़ाकर 4.25 लाख रूपये कर दिये जाने की व्यवस्था की गयी है, जिसमें से मासिक 25 हजार रूपये तक की धनराशि निजी वाहन के डीजल, पेट्रोल के लिए ली जा सकेगी। विधायकों को सदन की बैठक में भाग लेने के लिए अब प्रतिदिन 1000 के बदले 2000 दैनिक भत्ता मिलेगा, जबकि विधायी समितियों की बैठक में दैनिक भत्ते की राशि 800 से बढ़ाकर 1500 रूपये कर दिया जाएगा।
सरकार ने पूर्व विधायकों की पेंशन राशि में ढाई गुना की बढ़ोतरी करते हुए उसे प्रतिमाह 10 हजार से बढ़ाकर 25 हजार रूपये और विधायक के रूप में हर अतिरिक्त वर्ष के लिए बढ़ोतरी की जाने वाली राशि एक हजार से बढ़ाकर दो हजार रूपये कर दी गयी है। पूर्व विधायकों को मिलने वाले रेल कूपन की राशि सालाना 80 हजार से बढ़ाकर एक लाख रूपये करने का प्रस्ताव है, जिसमें से 50 हजार रूपये निजी वाहन के डीजल, पेट्रोल के लिए प्राप्त किए जा सकते हैं। संसदीय कार्यमंत्री ने बताया कि विधानमंडल दल के सदस्यों तथा पूर्व सदस्यों की वेतन, पेंशन और अन्य भत्तों की प्रस्तावित बढ़ोतरी से सरकारी खजाने पर सालाना 128 करोड़ रूपये से अधिक का व्यय भार आयेगा। इसके अलावा सदन में उत्तर प्रदेश राज्य विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक-2016 तथा मौलाना जौहर विश्वविद्यालय (संशोधन) विधेयक भी पारित कर दिया गया।