इलाहाबाद: गोहत्या और गोमांस खाने की अफ़वाह पर पिछले साल सितंबर में भीड़ के हाथों मारे गए मोहम्मद अख़लाक़ के परिवार की गिरफ्तारी पर इलाहाबाद हाइकोर्ट ने रोक लगा दी है। गौरतलब है कि पिछले महीने ग्रेटर नोएडा कोर्ट ने अखलाक के परिवार पर गोकशी का मामला दर्ज करने का आदेश दिया था। लेकिन शुक्रवार को इलाहाबाद हाइकोर्ट ने अखलाक के एक भाई जान मोहम्मद को छोड़कर सभी की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। गौरतलब है कि पिछले साल गोमांस रखने के संदेह में एक उग्र भीड़ ने बिसाहड़ा गांव में मोहम्मद अखलाक़ के घर हमला कर दिया था। हमले में मोहम्मद अखलाक़ की मौत हो गई थी जबकि उनका छोटा बेटा गंभीर रूप से घायल हो गया था। इसके बाद इस मामले ने राष्ट्रीय मीडिया का ध्यान भी अपनी तरफ खींचा था। फिर इस साल अप्रैल में मथुरा फॉरेंसिक लैब की रिपोर्ट में कहा गया कि टेस्ट के लिए भेजा गया मांस दरअसल गौ मांस ही था। इसके बाद बिसाहड़ा में हुई बैठक में ग्रामीणों ने सरकार से मोहम्मद अख़लाक़ के परिजनों के ख़िलाफ़ 20 दिनों के भीतर गोहत्या का मुक़दमा दर्ज कराने की मांग की थी। फॉरेंसिक लैब की रिपोर्ट को आधार बनाकर बिसाहड़ा के रहने वाले सूरजपाल ने मो. अखलाक के परिवार पर गो हत्या का मामला दर्ज कराने की याचिका लगाई थी।
हालांकि कानूनी जानकार मानते हैं कि मो. अखलाक की हत्या के मामले में नाबालिग समेत उन्नीस लोगों के खिलाफ दर्ज मुकदमे पर कोई असर नहीं पड़ेगा।