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नई दिल्ली: यूपी में डेढ़ लाख से ज्यादा शिक्षामित्रों को सहायक शिक्षक के रूप में समायोजित करने के की वैधता के मामले को सुप्रीम कोर्ट ने 23 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दिया। इस तरह शिक्षामित्रों की नियुक्ति को अवैध ठहराने के हाईकोर्ट के आदेश पर रोक भी 23 नंवबर तक स्वत: ही बढ़ गई। जस्टिस दीपक मिश्रा और सी नागप्पन की पीठ ने मंगलवार को इस मामले के साथ ही टीइटी की वैधता के मामले को 5 अक्तूबर के लिए टाल दिया। कोर्ट ने कहा कि पहले टीईटी का मामला देखा जाएगा उसके बाद शिक्षामित्रों के मामले की सुनवाई की जाएगी। कोर्ट ने यूपी सरकार को निर्देश दिया कि अगली सुनवाई पर वह शपथपत्र दायर कर यह बताए कि कितने शिक्षकों की नियुक्ति हो गई है, शेष को कैसे नियुक्त किया जा रहा है और नियुक्ति करने में सरकार को क्या दिक्कतें आ रही हैं। कुल 72 हजार शिक्षकों में से 1100 रिक्तियां ही रह गई थी। कोर्ट ने फरवरी में सरकार को इन पदों पर योग्य टीईटी पास उम्मीदवारों को भर्ती करने का आदेश दिया था।

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